चौधरी देवी लाल के वंशज ही किसानों को बर्बाद करने पर उतारू हुए: सहारण

10/3/2020 1:30:04 PM

ऐलनाबाद (सुरेंद्र सरदाना):  हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे जननायक चौधरी देवी लाल को किसानों का मसीहा माना जाता था ।किसानों के हितो के लिए वह सदैव ततपर रहते थे ।वर्ष 1987 के जब वह सत्ता में आए और हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने अपनी पहली कलम से ही किसानों का कर्जा माफ कर दिया । ट्रेक्टर को किसान का गढ्ढा बताते हुए ट्रेक्टर पंजीकरण के लिए लगने वाले टैक्स को खत्म कर दिया । वह बातों से ही नही बल्कि वास्तव में ही किसानों के मसीहा थे और किसान भी  उन्हें किसी भी रूप में भगवान से कम नही आंकते थे। लेकिन आज उनके वंशज ओर हरियाणा सरकार में अपनी भागीदारी रखने वाले दुष्यंत चौटाला किसानों के विरोधी बने हुए है । यह शब्द आज युवा जाट सभा अधयक्ष मांगे राम सहारन ने पत्रकारो को प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहे ।

उन्होंने कहा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व जननायक चौधरी देवी लाल का आपसी गहरा  परिवारिक रिश्ता था ।जो आज भी बना हुआ है । जब संसद में  देश के  किसान विरोधी बिल को पास करने की बात हुई तो संसद में उपस्तिथ सरदार प्रकाश सिंह बादल की पुत्रवधू हरसिमरत कौर बादल ने इन बिलो का विरोध करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया । उन्होंने कहा है कि उनका परिवार सदैव किसानों की लड़ाई लड़ता आया है और किसान के हर संकट में उनके साथ खड़ा है ।ऐसे में वह इन तीन कानूनों को ,जो किसानों के खिलाफ है को संसद में कैसे पास होने दे ?किसान विरोधी कोई बात उन्हें व उनके परिवार को सपने में भी गंवारा नही है ।
मांगे राम सहारण ने कहा कि जब किसान हितेषी बादल परिवार किसानों के विरोधी तीन काले कानूनों को ठोकर मार सकता है तो चौटाला परिवार का दुष्यंत क्यो नही ? दुष्यन्त चौटाला सत्तालोलुपता के चलते ,अपने परदादा की  विरासत को भूल आज  क्यो मजदूर ओर  कमेरे वर्ग को भूल गए है? क्यो नहीं सत्ता सुख भोगने का  मोह त्याग कर  हरियाणा के किसानों के साथ कंधे से कन्धा मिला इस बात की मांग नही करते कि तीन जो कानून बने है । जब तक उनमें एक लाइन ,न्यूनतम समर्थन मूल्य आवश्यक रूप में मिलेगा ,लिख नही दी जाती ,तब तक वह किसानों के कंधे के साथ कन्धा मिलाकर खड़े है ।जिस प्रकार जब किसानों की बात चलेगी तो  उस जननायक चौधरी देवी लाल का नाम लिया  जाता रहेगा जिस ने कभी सत्ता सुख की परवाह नही करी ओर वर्ष 1989 में प्रधानमंत्री पद को ठुकरा कर वी पी सिंह को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठाया .ऐसे त्याग की मूर्ति थे चौधरी देवी लाल .

सहारण ने कहा कि  दुष्यन्त चौटाला के लिए इस के विपरीत होगा कि  जब भी किसानी की बात चलेगी तो किसान सदैव उन्हें कोसते नज़र आएंगे ।चूंकि वह  सत्ता के नशे में मदहोश है और वह यह भूल गए है कि वह उपमुख्यमंत्री से पहले किसान है और उनके पूर्वजो ने किसानों की लड़ाई के लिए व उन के हकों के लिए  सदैव अपना  सर्वछ न्योछावर कर दिया है।

 

Isha