उप मुख्यमंत्री के गांव में पेयजल को लेकर हाहाकार, साइकिल से पानी ढोने को मजबूर बुजुर्ग

punjabkesari.in Tuesday, May 11, 2021 - 10:59 PM (IST)

डबवाली (संदीप): उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के गांव चौटाला में इन दिनों पेयजल को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। पेयजल का संकट इतना भयावह हो चुका है कि अब लोगों को पड़ोसी गांव भारूखेड़ा से टैंकर से पीने का पानी ढोना पड़ रहा है। बुजुर्ग साइकिल से पानी ढो रहे हैं। बता दें कि बीते दिनों पब्लिक हैल्थ विभाग ने ट्यूबवेल से गांव में पेयजल आपूर्ति की तो लोग पानी जनित बीमारियों से बीमार पड़ गए। गांव में ज्यादातर ग्रामीण ट्यूबवेल के खारे पानी की पेयजल आपूर्ति से बीमारियों की चपेट में आ गए। 

इसके बाद ग्रामीणों ने चेतावनी दी तब जाकर पब्लिक हैल्थ विभाग केअधिकारी गांव पहुंचे और पानी के सैंपल लिए। प्रयोगशाला से पानी के सैंपल की रिपोर्ट आई तो पानी का टीडीएस लेवल 1880 आया जो कि सेहत के लिए बहुत खतरनाक है। इस सबके बावजूद गांव चौटाला में पेयजल संकट का समाधान नहीं हुआ है। गांव में पेयजल संकट तेजी से गहराता ही जा रहा है। लोगो को पेजयल के लिए पड़ोसी गांव भारूखेड़ा तक जाना पड़ रहा है। ग्रामीण अपनी जेब से पैसे खर्च करके ट्रैक्टर-टैंकर की मदद से पानी लेकर आ रहे हैं, क्योंकि गांव में विभाग द्वारा ट्यूबवेल से की जा रही पेजयल आपूर्ति से लोगों का भरोसा उठ चुका है।

1500 रूपए खर्च कर टैंकर से लाए पेयजल
चौटाला गांव के लोग पेयजल संकट से इस कदर परेशान हैं कि अब पैसा खर्च करके पानी ढोना पड़ रहा है। गांव चौटाला के वार्ड नं. 19 में रहने वाले दीपचंद छिम्पा को जब पता लगा कि पड़ोसी गांव भारूखेड़ा में उसके एक परिचित किसान के खेत में बनी डिग्गी में शुद्ध नहर का पानी उपलब्ध है तो उसने टैंकर से यह नहरी पानी गांव चौटाला में मंगवाया। गांव के लिए बुजुर्ग दुला राम वर्मा तो अपनी साइकिल लेकर दीपचंद के पास से टैंकर से लाए गए शुद्ध पेयजल लेने पहुंच गए। जिसके बाद वे अपनी साइकिल से पानी ढोकर घर लेकर आए।

ऐसे में सवाल उठता है कि जिस चौटाला गांव से प्रदेश की विधानसभा में चार विधायक हों। इन विधायकों में से एक उपमुख्यमंत्री की कुर्सी पर हो जबकि एक विधायक मंत्री हो उस गांव में पेयजल जैसी बुनियादी चीज के लिए ग्रामीणों को परेशान होना पड़ रहा है तो प्रदेश व जिला के बाकी शहरों व गांवों में बुनियादी सुविधाओं के हालात क्या होंगे?

गांव चौटाला निवासी दयाराम उलानियां के मुताबिक 15 दिन पहले तक गांव के जलघर की डिग्गियों में नहर का पानी उपलब्ध था। नहर की बंदी के बाद पब्लिक हैल्थ विभाग ने डिग्गियों के नहरी पानी के साथ ट्यूबवेल का पानी मिक्स करके पेयजल आपूर्ति शुरू की। लेकिन बीते 15 दिनों से नहरी पानी जलघर में समाप्त होने पर विभाग ने अकेले ट्यूबवेल से पेजयल आपूर्ति आरंभ कर दी। पब्लिक हैल्थ के दो ट्यूबवेल गांव के जलघर में है।

इसके अलावा विभाग ने एक किसान के खेत में लगे ट्यूबवेल से गांव में पेयजल आपूर्ति शुरू करवा दी थी। लेकिन अधिकारियों ने इस ट्यूबवेल के पानी की प्रयोगशाला में जांच नहीं करवाई। जब गांव में आपूर्ति किए जा रहे पानी से बीमार पडऩे लगे तो गांव में हाहाकार मच गया। ग्रामीणों ने गांव की पुलिस चौकी घेरने की चेतावनी दी। 

ग्रामीणों ने जिला उपायुक्त से भी पेयजल संकट को लेकर गुहार लगाई थी। जिसके बाद पब्लिक हैल्थ की अधिकारी गांव में पहुंचे और पानी के सैंपल लिए। सैंपल की रिपोर्ट में पेयजल के लिए दिए जा रहे पानी का टी.डी.एस. लेवल खतरनाक स्तर 1880 आया। यह पानी ग्रामीणों के पीने के लायक नहीं था। इसके बावजूद पब्लिक हैल्थ विभाग चौटाला के ग्रामीणों को बीते 15 दिनों से इस ट्यूबवेल का पानी पिलाता रहा।

सिंचाई विभाग के एक्सीईएन एनके भोल से जब जिले में नहरी पानी के संकट को लेकर बात की गई तो उन्होंने बताया कि भाखड़ा डैम से पानी छोड़ा जा चुका है। आज देर रात तक जिले की नहरों में पानी पहुंचने की पूरी उम्मीद है। गांवों के जलघरों तक बुधवार सुबह तक नहर का पानी पहुंच जाएगा। एक्सीईएन भोला के मुताबिक डैम में ही इस बार पानी कम था। डैम में पानी कम होने के कारण नहरों में पानी का संकट खड़ा हुआ है।

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Content Writer

Shivam

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