खनन से लदे ट्रकों में ओवरलोडिंग बेरोक टोक जारी, लोगों ने प्रशासनिक संरक्षण का लगाया आरोप

5/6/2020 11:31:56 AM

रादौर (कुलदीप सैनी) : लॉकडाउन के दौरान प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के उद्देश्य से शुरू हुआ खनन का कार्य एक बार फिर चर्चा में आ गया है। खनन माफिया द्वारा नियमों की अवहेलना कर लगातार मनमानी की जा रही है। प्रशासन के सुस्त रवैये से खनन माफियाओं के हौंसले बढ़ रहे है। जिसके चलते खनन माफिया दिन रात नियमों को ताक पर रख कर ओवरलोडिंग का खेल धड़ल्ले से जारी रखे हुए है। जिससे न केवल सरकारी सम्पति को नुकसान पंहुच रहा है, बल्कि दुर्घटनाओं का भी अंदेशा बढ़ रहा है। स्थानीय लोगों ने इस पूरे प्रकरण के लिए खनन माफियाओं को प्रशासनिक संरक्षण दिए जाने के गम्भीर आरोप लगाए है। 



अवैध खनन के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले गुमथला निवासी एडवोकेट वरयाम सिंह ने कहा कि ओवरलोडिंग का यह खेल वाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से जारी है, लेकिन इन ग्रुप संचालकों के खिलाफ कोई कड़ी कार्यवाही न किए जाने से इनके हौंसले बुलंद है। उन्होंने कहा कि खनन सामग्री से लदा ओवरलोडिंग वाहन यमुनानगर से यूपी, पंजाब व राजस्थान तक पंहुच रहा है। इसका सीधा मतलब है कि ओवरलोडिंग का यह काला कारोबार बिना प्रशासनिक सहायता के चल रहा है।



वहीं जब इस बारे में एसडीएम रादौर पूजा चांवरिया से बात की तो उन्होंने माना कि ओवरलोडिंग की शिकायतें उनके पास भी आ रही है, जिसके लिए खनन ठेकेदारों को भी निर्देश दिए गए थे, लेकिन अब शिकायतों की बढ़ती फेहरिस्त के कारण सम्बंधित अधिकारियों को एक्शन लेने के लिए आदेश दिए गए है।

बता दें कि लॉकडाउन के दौरान प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए ही सरकार द्वारा रादौर क्षेत्र में कई खनन घाट शुरू किए गए थे, लेकिन ऐसी भी खबरें आ रही है कि इन खनन ठेकेदारों द्वारा ट्रक ड्राइवरों को कम राशि की स्लीप थमा कर जीएसटी की भी चोरी की जा रही है। मतलब जिस उद्देश्य से सरकार ने खनन जॉन शुरू किए गए थे उनकी खनन ठेकेदारों द्वारा पूर्णतः चपत लगाई जा रही है, ऐसे में इन खनन ठेकेदारों के खिलाफ शासन प्रशासन को कड़े कदम उठाने चाहिए।

Edited By

Manisha rana