धान की खरीद सुचारू रूप से जारी, खरीद के साथ विभाग ने किसानों को किया 10 से अधिक रुपए का भुगतान:मुकुल कुमार
punjabkesari.in Friday, Oct 04, 2024 - 05:40 PM (IST)
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी) : हरियाणा के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की ओर से प्रदेश में खरीफ फसलों की खरीद सुचारू रूप से की जा रही है। इसके लिए मंडियों में भी व्यापक प्रबंध सुनिश्चित किए हैं। धान की सरकारी खरीद और उठान समय पर किया जा रहा है ताकि बिक्री के लिए मंडी में आने वाले किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के निदेशक मुकुल कुमार ने बताया कि इस बार 15 नवंबर तक खरीद की फसलों की खरीद जारी रहेगी। विभाग के प्रयासों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 4 अक्टूबर तक 118748 मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद सरकारी एजेंसियों द्वारा की जा चुकी है। राइस मिलर्स की हड़ताल के चलते विभाग की ओर से भी विशेष प्रबंध किए हैं ताकि किसानों को उनकी फसल बेचने में किसी प्रकार की कोई कठिनाई न आए।
मुकुल कुमार ने बताया कि चार अक्टूबर की शाम साढ़े तीन बजे तक प्रदेश की अलग-अलग मंडियों में हुई धान की आवक में से कुल 118748 मीट्रिक टन धान की खरीद सरकारी एजेंसियों की ओर से की गई है। विभाग की ओर से 17 फीसदी तक की नमी वाले धान की ही खरीद करने के निर्देश दिए गए हैं। धान की खरीद के साथ ही उठान भी किया जा रहा है। इसके सात ही किसानों को उनकी खरीदी गई फसल का समय पर भुगतान करना भी सुनिश्चित किया जा रहा है। अब तक हजारों किसानों के खातों में उनकी बेची गई धान की फसल की करोड़ों रुपए की राशि डाली जा चुकी है।
कुरुक्षेत्र जिला में हुई धान की सबसे ज्यादा खरीद
मुकुल कुमार ने बताया कि 4 अक्टूबर की शाम साढ़े तीन बजे तक खरीदी गई कुल 118748 मीट्रिक टन धान में से सबसे अधिक कुरुक्षेत्र जिले में 40213 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है। इसके अलावा अंबाला में 30148 मीट्रिक टन, हिसार में 18 मीट्रिक टन, जींद में 136 मीट्रिक टन, कैथल में 10774 मीट्रिक टन, करनाल में 10774 मीट्रिक टन, पंचकूला में 5424 मीट्रिक टन, पानीपत में 275 मीट्रिक टन, सिरसा में 198 मीट्रिक टन और यमुनानगर में 28109 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है।
15 नवंबर तक जारी रहेगी खरीद
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के निदेशक मुकुल कुमार ने बताया कि प्रदेश में खरीफ फसलों की खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है और यह प्रक्रिया 15 नवंबर 2024 तक जारी रहेगी। खरीद के दौरान किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आने दी जाएगी है। किसानों के आर्थिक हितों की रक्षा के लिए विभाग पूरी तरह प्रतिबद्ध है और पूरे सीजन में निर्बाध और कुशल खरीद प्रक्रिया सुनिश्चित करेगा।