धान घोटाले की जांच हाईकोर्ट की देखरेख में निष्पक्ष एजैंसी से करवाई जाए : सुर्जेवाला

2/4/2020 4:13:18 PM

चंडीगढ़ (धरणी) : कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुर्जेवाला ने भाजपा-जजपा सरकार पर हजारों करोड़ के धान घोटाले को दबाने का आरोप लगाते हुए इस घोटाले की पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की देखरेख में उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। एक आर.टी.आई. से हुए खुलासे का हवाला देते हुए सुर्जेवाला ने कहा कि हाल ही में धान घोटाले को लेकर जो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं,उनसे साफ पता चलता है कि यह धान घोटाला 90 करोड़ से कहीं अधिक हजारों करोड़ रुपए का है।

जिस प्रकार से प्रदेश सरकार घोटाले को दबाने की कोशिश कर रही है, उससे सरकार में बैठे लोगों की घोटालेबाजों के साथ सीधी मिलीभगत और हिस्सेदारी की बू आ रही है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार के लोगों की घोटालेबाजों के साथ मिलीभगत नहीं है तो भाजपा सरकार जनता को गलत तथ्य देकर मामले को दबाना क्यों चाहती हैं और सरकार इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच से पीछे क्यों हट रही है?

सुर्जेवाला ने कहा कि एक तरफ सरकार कहती नहीं थक रही है कि प्रदेश में कोई धान घोटाला नहीं हुआ है,लेकिन दूसरी तरफ अभी हाल ही में सामने आई आर.टी.आई. से स्पष्ट दिख रहा है कि प्रदेश में करोड़ों का धान घोटाला हुआ है,परंतु सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि आर.टी.आई. से साफ हो चुका है कि प्रदेश में हजारों करोड़ का धान घोटाला हुआ है। प्रदेश में 2,25,145 किसानों ने लगभग 9,10,700 एकड़ धान का पंजीकरण करवाया था।

प्रदेश की मंडियों में धान की 4,34,783 मीट्रिक टन सरकारी और 64,68,576 मीट्रिक टन प्राइवेट खरीद हुई। इस तरह लगभग 9 लाख एकड़ में 690.34 लाख किंविंटल धान की खरीद हरियाणा में हुई, जिसकी औसतन पैदावार 75 किंविंटल 80 किलो होती है, जितनी पैदावार प्रति एकड़ होना संभव ही नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदेश में 30 किंविंटल प्रति एकड़ धान से ज्यादा औसतन पैदावार नहीं हुई है, जिसका मतलब है प्रदेश में वास्तव में लगभग 273 लाख किंविंटल धान हुआ, जिसमें 417 लाख किंविंटल धान बढ़ाकर या अन्य प्रदेशों से सस्ता धान खरीद कर प्रति किंविंटल मोटा माल कमाया गया और उसमें ऊपर से लेकर नीचे तक काले धन की बंदरबांट हुई।

Isha