व्यस्थाओं के अभाव में कालावाली की मंडियों में भीगा ध्यान, मंडी सचिव ने कहा- प्राकृतिक आपदा है

10/16/2023 4:33:08 PM

सिरसा(सरवन प्रजापति): कालावाली में बीती रात आई बरसात के कारण दोनों अनाज मंडियों में पड़ा धान भीग गया। खुले में पड़ा धान भीगना लाजमी था, क्योंकि बारिश को ध्यान में रखकर  किसी प्रकार का प्रबंध नहीं किया गया था। हालांकि पिछले दिनों मार्केट कमेटी के सचिव ने दावा किया था कि उन्होंने सभी व्यापारियों को पत्र लिखकर आदेश दिए हैं कि वह क्रेट ओर तिरपाल व  अन्य पुख्ता प्रबंध करें। इसके बावजूद भी धरातल पर कोई प्रबंध नहीं है। इसी कारण से किसानों का पीला सोना व्यवस्थाओं के आभाव में भीग गया है।

आज उसे सुबह से ही मजदूर धान सुखाने का काम कर रहे हैं, लेकिन दूसरी और बात करें तो मौसम विभाग की ओर से तीन दिन का अलर्ट दिया हुआ है। आज सोमवार को भी कालांवाली में बादल छाए हुए हैं और किसी भी समय बरसात आ सकती है। इससे सीधा-सीधा खुले में पड़ा धान अन्य फसलों को नुकसान होगा। ये नुकसान फसलों नहीं बल्कि सरकार को हो रहा है। क्योंकि भीगा हुआ धान बैगों में भरा हुआ है या फिर भरने वाला है। वह सभी खरीद एजेंसियों के माध्यम से सरकार को भेजा जाएगा।

कहीं ना कहीं प्रबंधन की कमी है। अब मार्केट कमेटी के सचिव कहते हैं कि प्राकृतिक आपदा है। बरसात आने से गेहूं भीग गया है वह यह बात तो मानते हैं। लेकिन इस बात को नहीं मानते की प्रबंधन की कमी से धान भीगा है।  उन्होंने कहा कि अब धान सुखाकर भरा जाएगा, लेकिन ऐसा संभव होता दिखाई नहीं दे रहा है। क्योंकि धान बहुत ज्यादा मात्रा में भीगा हुआ है और पूरी मंडी धान से भरी हुई है।

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Content Writer

Saurabh Pal