किसानों को मिला पद्मश्री अवार्ड

3/17/2019 3:52:01 PM

करनाल (केसी आर्य): करनाल मछली उत्पादन के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर करनाल के गांव बुटाना के प्रगतिशील किसान सुल्तान सिंह को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पदमश्री अवार्ड देकर सम्मानित किया। सुल्तान सिंह को पदमश्री मिलने के बाद रोड समाज में ख़ुशी का माहौल है। जिसको लेकर रोड़ धर्मशाला करनाल में उनका सम्मान समारोह आयोजित किया गया। मछली उत्पादक किसान सुल्तान सिंह ने मछली उत्पादन क्षेत्र में अहम मुकाम हासिल किया। छोटे से गांव बुटाना में जन्मे सुल्तान सिंह का बचपन से ही कुछ हटकर कार्य करने का लक्ष्य था। यही कारण है कि वह आज इतने बढ़े मुकाम पर पहुंचे हैं। अवार्ड मिलने के बाद उनके परिवार में भी खुशी का माहौल है।



वहीं सोनीपत के गांव अटेरना के रहने वाले कंवल सिंह चौहान को दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया। कंवल सिंह ने खेती को उद्योग से जोडक़र कई गुणा मुनाफा लेने के साथ ही सैंकड़ों लोगों को रोजगार देकर अपनी अलग पहचान बनाई है। पद्मश्री लेकर लौटे कंवलसिंह चौहान का बीसवां मील पर जोरदार स्वागत किया गया। उन्हें जुलूस के रूप में नाचते हुए क्षेत्र के लोग गांव तक लेकर पहुंचे।



कंवल सिंह ने पिता के देहांत के बाद 15 साल की उम्र में खेती करनी शुरू कर दिया था। उनको पहले काफी परेशानी हुई और खेती की अधिक जानकारी नहीं होने के कारण वह कर्ज में डूबते चले गए थे। लेकिन कभी हार नहीं मानी और वह खेती को बढ़ावा देने का प्रयास करते रहे। कंवल सिंह चौहान ने वर्ष 1998 में परंपरागत खेती को छोडक़र सबसे पहले मशरूम और बेबी कॉर्न की खेती शुरू की थी। दोनों फसलों से अच्छी आमदनी होने लगी और वह अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गए।



जिसके बाद अन्य किसानों को अपने साथ जोडक़र उन्हें बेबी कॉर्न, मशरूम, स्वीट कॉर्न, मधुमक्खी पालन के लिए जागरूक करने लगे। जिससे दूसरे किसानों ने उनकी राह पकड़ी और वह भी इन खेती की ओर रुख करने लगे। उनके सहारे ही गांव व आसपास के किसान खेती से कई गुना तक फायदा ले रहे हैं। कंवल सिंह ने वर्ष 2009 में फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगा दी। इस यूनिट में बेबी कॉर्न, स्वीट कॉर्न, अनानास, फ्रूट कॉकटेल, बटन मशरूम, मशरूम स्लाइस आदि आठ तरह के उत्पाद तैयार किए जाते हैं। इस यूनिट से करीब डेढ़ टन बेबी कॉर्न व अन्य उत्पाद इंग्लैंड व अमेरिका में निर्यात होता है। इसके साथ ही लगभग 200 लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर रोजगार भी दिया जा रहा है। 

 

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