पाकिस्तान ने लूटा हरियाणा वालों का चावल, कारोबारियों से करोड़ों की जालसाजी

8/7/2019 8:22:42 PM

करनाल (केसी आर्या): भारत के बासमती चावल कारोबारियों से करोड़ों की जालसाजी का मामला सामने आया है। दुबई से हुई इस ठगी के सबसे ज्यादा शिकार हरियाणा के करनाल से हैं, जिसमे करीब 6 राइस मिलर ठगी का शिकार हुए हैं। करीब 9 से 10 करोड़ रुपए की चपेट खा कर बैठे हैं। इस ठगी का मास्टरमाईंड पाकिस्तान का है, जिसने देश-विदेश के बिचौलियों के साथ मिलकर हरियाणा के व्यापारियों करोड़ों का चावल लूट लिया है।

करनाल के राइस मिलर विपिन गोयल का कहना है कि उसके साथ जो फ्रॉड हुआ, उसमें हमारे भारत के बिचोलिया के अलावा विदेशी और पाकिस्तान का मास्टरमाइंड शामिल है। करनाल के एक व्यक्ति ने उन्हें चावल का ऑर्डर दिया और खुद का नाम ईशान बताया, जिसने दुबई में कम्पनी अल रावनक अल थहबी जनरल ट्रेडिंग के पास चावल भेजने के लिए कहा। ईशान ने उससे कहा कि दुबई की कम्पनी है जिसके मालिक का नाम तारिक ओवैसी से डील फाइनल हुई है। मार्च अप्रैल महीने में चावल के कन्टेनर भेजे गए, लेकिन काफी दिन बीतने के बाद भी रूपये नहीं मिले।



जिसकी जांच पड़ताल की तो पता चला कि डील करने वाले लोग फरार हो गए हैं। अल रावनक अल थहबी जनरल ट्रेडिंग कम्पनी तारिक आवैसी की नहीं है। बल्किपाकिस्तान का रहने वाला है। विपिन ने बताया कि करनाल के इशान गुप्ता जो अपने आप को कंट्री हेड बता रहा था वो भी फरार हो गया है। करोड़ों रूपए का चावल किसी अन्य व्यक्ति ने ले लिया जिसे हम जानते तक नहीं थे। जिस कम्पनी का नाम बताया गया उसका मालिक कोई और है।

विपिन का कहना है कि उसने 5 कंटेनर का माल पहले भेजा था, जिसके कुछ पैसे उसको मिल गए। उसके बाद 17 कंटेंनर में करीब 418 टन चावल का माल भेजा लेकिन उसके दाम जो 2 करोड़ से ज्यादा है, वह नहीं मिला। चावल कहीं गायब हो गया और किसी अन्य व्यक्ति सौंप दिया गया।

वहीं असंध राइस व्यापारी पवन का कहना है कि उसने 120 टन चावल इसी कम्पनी को दुबई भेजा था, लेकिन रूपए नहीं मिले। उनके करीब 1 करोड़ रूपए डूब गए हैं। जांच की तो पता चला हमारे साथ धोखा हुआ है। ठगी का शिकार हुए लोगों का का कहना है कि पाकिस्तान के तारिक आवैसी ने बहुत ही चालाकी से काम किया। उसने कई भारतीयों को अपने साथ मिलाया हुआ था, जिसकी मदद से वह देश में कई करोबारियों के साथ धोखा कर चुका है।



प्राथमिक जानकारी में दो भारतीय रोबिन और ईशान के नाम सामने आए। दोनों ने यहां के छोटे शहरों के निर्यातकों को तारिक ओवेसी से मिलाया। इसके बाद यहां से माल शिप के जरिए यूएई एक्सचेंज के माध्यम से दुबई भेजा। कारोबारियों के फ्रॉड में यूएई एक्सचेंज के स्टाफ की हिस्सेदारी बताई है। क्योंकि अगर वे ट्रेड लाइसेंस देख लेते तो फ्रॉड से बचा जा सकता था। बिना ट्रेड लाइसेन्स देखे किसी को हमारा सारा माल दे दिया गया।



ठगों ने दुबई के बैंक से टीटी के माध्यम से भुगतान करने का वादा किया। जब तक माल दुबई बंदरगाह तक नहीं पहुंचा तब तक उन्हें यही आश्वासन मिलता रहा कि भुगतान की प्रकिया हो गई, जल्द रकम पहुंच जाएगी। बाद में पता चला कि टीटी नकली निकली। जब जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि दर्जनों राइस करोबारी है जिनके साथ इसी तरह से करोड़ों रूपए का फ्रॉड हुआ।

इस मामले में एसपी करनाल सुरिंदर सिंह का कहना है कि इस मामले में जांच की जा रही है। राइस मिलर के एक व्यापारी की तरफ से शिकायत मिली थी कि ऐसे ऐसे दुबई में उनके साथ फ्रॉड हुआ है। डिटेक्टिव स्टाफ को जांच सौंप दी गई है। जो फैक्ट सामने आते रहेंगे, उसके हिसाब से कारवाई की जाएगी।

Shivam