विज के कड़े तेवर, बोले- पाकिस्तान टेरर फैलाता हैं, इनका तो हवा-पानी भी बंद कर देना चाहिए
punjabkesari.in Friday, May 09, 2025 - 03:23 PM (IST)

अंबाला(अमन): हरियाणा के ऊर्जा परिवहन एवं श्रम मंत्री श्री अनिल विज ने आज देशभर के सभी टीवी चैनलों से आग्रह करते हुए कहा है कि "वह अपने चैनलों पर बार-बार खतरे के सायरन न बजाएं, जिससे कि लोगों को समय पर सुरक्षा के कदम उठाने में संदेह हो सकता है और समय रहते सुरक्षा के कदम उठाने में देरी हो सकती है"। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि पाकिस्तान टेरर फैलाता हैं इनका तो हवा-पानी भी बंद कर देना चाहिए। श्री विज ने कहा कि सभी देश भारत की पीठ के पीछे खड़े हो गए हैं इसलिए सभी देशवासियों को इस दौरान एकजुट रहना चाहिए।विज ने टीवी चैनलों से यह आग्रह आज एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए चैनलों से किया है।
विज ने एक्स पर लिखा है कि "सभी चैनलों को प्रार्थना की जाती है कि वह अपने चैनलों पर बार बार खतरे के सायरन न बजाएं क्योंकि यदि कभी असली सायरन बज गया तो लोग इसे भी टीवी का सायरन समझ कर उनकी जो सुरक्षा के कदम उठाने हैं वह उठा नहीं पाएंगे"।
आज मीडिया कर्मियों के द्वारा पाकिस्तान ने लोन की डिमांड की है, जिसको लेकर पाकिस्तान फिर से सवालों में हैं, के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में ऊर्जा मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि यह (पाकिस्तान) टेरर फैलाते हैं इनका तो हवा पानी भी बंद कर देना चाहिए। पाकिस्तान द्वारा दूसरे देशों से मदद मांगने के जवाब में श्री विज ने कहा कि यह युद्ध महाभारत की तरह है किसे पांडवो के साथ जाना है और किसे कौरवों के साथ जाना है। सभी देश भारत की पीठ के पीछे खड़े हो गए हैं। पाकिस्तान के साथ तो 2-3 देश हैं बस?।
पाकिस्तान के साथ बने युद्ध के हालातों पर श्री विज ने कहा कि "युद्ध हो रहा है पाकिस्तान रो रहा है, आगे देखते है कि इसके साथ बनता क्या है। श्री विज ने कहा कि सभी देशवासियों को इस दौरान एकजुट रहना चाहिए। उन्होंने मोदी को इस युद्ध का नायक बताया और कहा कि हमारे सैनिक सीमा पर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं"। पंजाब द्वारा बीबीएमबी से पानी छोड़े जाने को लेकर हाईकोर्ट के आदेशों की भी अवहेलना करने पर बोलते हुए हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने एक बार फिर पंजाब सरकार किसी संविधान और संवैधानिक संस्था को नही मानती है। वहां जाकर फोर्स लगाकर ताले लगाना, उन्हें धमकाना ठीक नही क्योंकि यह माननीय कोर्ट के आदेशों की अवहेलना है।