Palwal Sex Ratio: पलवल में गिरा लिंगानुपात, खिसककर 12वें स्थान पर पहुंचा
punjabkesari.in Tuesday, Jan 21, 2025 - 08:19 PM (IST)
पलवल (गुरुदत्त गर्ग): जिले में बेटी बचाओ को लेकर चलाई जा रही मुहिम को इस बार धक्का लगा है। वर्ष 2024 के आंकड़ों में लिंगानुपात के मामले में पलवल जिला पहले स्थान से खिसककर 12 वे स्थान पर आ गया है। इस बार जिले में 1000 लड़कों के मुकाबले 909 लड़कियों ने जन्म लिया है। जबकि वर्ष 2023 के अनुसार यह आंकड़ा 946 था। ऐसे में 11 स्थान की गिरावट में सुधार के लिए इस वर्ष जिला स्वास्थ्य विभाग को कड़ी मेहनत करनी होगी।
12वें स्थान पर लुढ़का पलवल
पिछली बार जारी हुए आंकड़ों में वर्ष 2023 के लिंगानुपात के मामले में प्रदेश भर में पलवल को पहला स्थान मिला था। वर्ष 2023 में 1000 लड़कों के मुकाबले पलवल में 946 लड़कियों ने जन्म लिया था। इसके लिए 5 लाख रुपये का नगद पुरस्कार पलवल के स्वास्थ्य विभाग को मिला था। लेकिन 12 महीना में ही इसमें 37 अंकों की गिरावट आई और पलवल जिला 12 वे स्थान पर लुढ़क गया। वर्ष 2020 के आंकड़ों के अनुसार पलवल 1000 लड़कों पर 911 लड़कियों के साथ 17 वे स्थान पर था। वर्ष 2021 में 1000 लड़कों पर 907 लड़कियों के साथ 15 वे स्थान पर था। वर्ष 2022 में 922 लड़कियों के साथ 12 वे स्थान पर था।
2015 को पानीपत से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की थी। केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से लिंगानुपात बढ़ाने के लिए कई अहम कदम उठाए गए थे और लिंगानुपात में सुधार भी दर्ज किया गया था। इस बार 11 स्थान की गिरावट के लिए कई कारणों को जिम्मेदार माना जा रहा है। इस बार जिला प्रशासन द्वारा बेटी बचाओ को लेकर जागरूकता कार्यक्रम के कोई खास आयोजन नहीं किए गए। अभियान केवल सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ के बैनर लगाने तक सीमित रहे। भूर्ण जांच को लेकर भी कोई बड़ी कार्रवाई इस वर्ष नहीं देखी गई। जबकि विगत वर्षों में पलवल और आसपास की सीमा में लगता क्लिनिको पर छापेमारी कर भूर्ण लिंग जांच का भंडाफोड़ होता रहा।
लिंगानुपात में सुधार के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग तत्परः जिला सिविल सर्जन
नागरिक अस्पताल के जिला सिविल सर्जन डॉक्टर जय भगवान जाटान की माने तो लिंगानुपात में सुधार के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग तत्पर है। इसके लिए विभाग द्वारा समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। पलवल तथा उत्तर प्रदेश में भी भूर्ण जांच करने वाले क्लिनिको पर छापेमारी की गई है, मुकदमे भी दर्ज कराए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रयास किया जाएगा की लिंगानुपात के मामले में पलवल दोबारा से प्रथम स्थान पर आए।
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