पंचायतें नहीं प्रदेश स्तरीय कमेटी देगी मोबाइल टावर की स्वीकृति

2/28/2019 10:41:55 AM

चंडीगढ़(बंसल/पांडेय): गांवों में मोबाइल टावर लगाने के लिए स्वीकृति का अधिकार अब ग्राम पंचायतों को नहीं बल्कि संबंधित विभाग के स्तर पर गठित अथॉरिटी के पास होगा। इस संदर्भ में आज विधानसभा में हरियाणा पंचायती राज (संशोधन) विधेयक-2019 पारित किया गया। अभी तक गांवों में मोबाइल टावरों की स्वीकृति देने का अधिकार पंचायतों के पास था। कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने बताया कि इस बिल के पास होने से पंचायतों के राजस्व को कोई नुक्सान नहीं होगा। यहां बता दें कि सरकार के पास लगतार यह शिकायतें आ रही थीं कि गांवों में ऐसी जगह पर टावर दिए जाते हैं, जिसकी वजह से लोगों को परेशानी होती है और टावर की वजह से बीमारियां फैलने का भी खतरा बना रहता था।
 

कांग्रेस विधायक करण दलाल ने कहा कि मोबाइल टावरों की वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि बड़ी कम्पनियों के दबाव में सरकार यह कानून ला रही है। बिल के अनुसार टावर की एवज में मिलने वाला किराया या धनराशि का 75 प्रतिशत हिस्सा ग्राम पंचायत, 15 प्रतिशत ब्लॉक समिति और 10 प्रतिशत जिला परिषद को विकास कार्यों के लिए मिलेगा।

बिजली चोरी पकड़े जाने पर जुर्माने का 5वां भाग जमा करवाना होगा 
विधानसभा में विद्युत (हरियाणा संशोधन) विधेयक-2019 पारित किया गया। इसके बाद अब बिजली चोरी पकड़े जाने पर जुर्माने की आधी राशि नहीं बल्कि 5वां भाग जमा करवाना होगा। कांग्रेस विधायक करण दलाल ने कहा कि यह तो ठीक है, लेकिन विभाग के अधिकारी टारगेट करके बिजली के छापे डलवाते हैं, जिससे गरीब लोग भी प्रताडि़त होते हैं। 


सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव में मेयर डाल सकेंगे वोट 
विधानसभा में हरियाणा नगर पालिका(संशोधन) विधेयक-2019 भी पारित हो गया, जिसके चलते अब मेयरों को भी सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव में वोट डालने का अधिकार मिल गया। 

Deepak Paul