AJL प्लॉट आवंटन मामला: पूर्व सीएम हुड्डा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल (Video)

12/1/2018 12:27:18 PM

चंडीगढ़(धरणी): बहुचर्चित एजेएल प्लॉट आवंटन मामले में पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट में हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और मोती लाल वोरा के खिलाफ शनिवार को चार्जशीट दाखिल की गई है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने सीएम रहते हुए नेशनल हेराल्ड की सब्सिडी एसोसिएट्स जनरल लिमिटेड (एजेएल) कंपनी को 2005 में 1982 की दरों पर प्लॉट अलॉट करवाया। मोती लाल वोरा नेशनल हेराल्ड अखबार एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड यानी (एजेएल) के अध्यक्ष हैं।  



गौरतलब है कि 24 अगस्त 1982 को पंचकूला सेक्टर-6 में 3360 वर्गमीटर का प्लॉट नंबर सी -17 पहले सीेएम रहे चौधरी भजनलाल ने अलॉट कराया था। जिसके अंतर्गत कंपनी को ये निर्माण कार्य दो साल में पूरा करना था लेकिन कंपनी इस काम को 10 साल में भी पूरा नहीं कर पाई। जिसके बाद हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिह हुड्डा ने 30 अक्टूबर 1992 को यह अलॉटमेंट कैंसिल करके इसे वापस ले लिया।



हरियाणा के पूर्व सीएम हुड्डा पर हैं आरोप
इस मामले में जब अपील दायर की गई तो 26 जुलाई 1995 को मुख्य प्रशासक हुडा ने एस्टेट ऑफिसर के आदेश के खिलाफ कंपनी की अपील खारिज कर दी। जिसमें आरोप है कि साल 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पुन: आवंटन की अनुमति दी।



प्लॉट अलॉटमेंट की बहाली के लिए की अपील
14 मार्च 1998 को कंपनी की ओर से आबिद हुसैन ने चेयरमैन हुडा को प्लॉट का अलॉटमेंट बहाली के लिए अपील की। 14 मई 2005 को चेयरमैन हुडा ने अफसरों को एजेएल कंपनी के प्लॉट अलॉटमेंट की बहाली की संभावनाएं तलाशने को कहा। लेकिन, कानून विभाग ने अलॉटमेंट बहाली के लिए साफ तौर पर इनकार कर दिया।



मामले में ईडी ने वोरा से की पूछताछ
अक्टूबर 2014 में मनोहर लाल खट्टर के सीएम बनने पर राज्य सतर्कता ब्यूरो ने आवंटन में कथित अनियमितताओं के चलते हूडा को भारी वित्तीय नुक्सान होने की बात कहते हुए इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। जिसमें ईडी की तरफ से दायर जवाब में वोरा के लगाए गए सभी आरोपों को नकार दिया गया।



एजेएल कंपनी की दी गई आवेदन करने की छूट
18 अगस्त 1995 को फ्रेश अलॉटमेंट के लिए आवेदन मांगे गए। इसमें एजेएल कंपनी को भी आवेदन करने की छूट दी गई। 28 अगस्त 2005 को हुड्डा ने एजेएल को ही 1982 की मूल दर पर प्लॉट अलॉट करने की फाइल पर साइन कर लिए। साथ ही कंपनी को 6 माह में निर्माण शुरू करके 1 साल में काम पूरा करने को भी कहा गया। सीए हुडा ने भी पुरानी रेट पर प्लॉट अलॉट करने के आदेश दिए। यह गड़बड़ी हुड्डा के कार्यकाल में हुई, इसलिए उनके खिलाफ यह मामला दर्ज हुआ है। हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (हुडा) को करीब 62 लाख रुपए का नुकसान पहुंचाए जाने का आरोप है।

 

Rakhi Yadav