पंचकूला हिंसा मामला: राम रहीम की खासमखास विपासना को मिली बड़ी राहत

8/25/2019 3:39:51 PM

पंचकूला (उमंग): डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को साध्वी यौन शोषण मामले में सजा सुनाए जाने के दौरान पंचकूला में हिंसा भड़की थी। इस मामले में  राम रहीम की राजदार हनीप्रीत व डेरा प्रेमी आदित्य इन्सां, पवन इन्सां सहित अन्य कई लोग जो डेरे से जुड़े थे, आरोपी बनाए गए थे। मामले की जांच के दौरान पुलिस ने डेरे की वाईस चेयरपर्सन विपासना इन्सां का नाम मोस्टवांटेड की लिस्ट में शामिल किया था, जिसे अब इस लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। इससे विपासना के लिए बड़ी राहत है। बता दें कि इस मामले में मुख्य आरोपी आदित्य इन्सां अब भी फरार चल रहा है।

विपासना क्यों हुई को मोस्टवांटेड की लिस्ट से बाहर
पंचकूला हिंसा मामले में जांच कर रही पुलिस विपासना पर मेहरबान नजर आ रही है। पंचकूला में हुई हिंसा को दो साल पूरा हो गया है, लेकिन मामले से जुड़ा मुख्य आरोपी आदित्य इंसा अब भी फरार है। वहीं विपासना को जहां मोस्ट वांटेड की लिस्ट में शामिल किया, लेकिन अब बाहर कर दिया है। दरअसल, विपासना ने पंचकूला पुलिस को एक लेटर भेजा था। इसमें कहा- मैं पुलिस की इन्वेस्टिगेशन में मदद करने के लिए तैयार हूं। जो भी मदद चाहिए, मुझे बताया जाए, मैं पंचकूला में जांच में शामिल होने के लिए आ सकती हूं, लेकिन अभी तक पुलिस ने नहीं बुलाया है। बता दें कि हिंसा मामले के बाद से विपासना कभी डेरे में नहीं मिली। बस उसका लेटर आया है, जिसपर उसका नाम मोस्ट वांटेड लिस्ट से बाहर कर दिया है।

गौरतलब है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम साध्वी यौन शोषण मामला व पत्रकार छत्रपति मर्डर मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में उम्रकैद की सजा भुगत रहा है। साध्वी यौन शोषण मामले में राम रहीम को 25 अगस्त 2017 को 20 साल की सजा सुनाई गई थी। उस दिन पंचकूला में लाखों डेरा प्रेमियों का जमावड़ा लगा हुआ था। कोर्ट में राम रहीम को सजा सुनाई जा रही थी। राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद जैसे ही यह खबर डेरा प्रेमियों को लगी तो उन्होंने वहां पर जमकर उत्पात मचाया। जिसके चलते पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी, इस दौरान करीब 48 लोगों की मौत हो गई थी।

पंचकूला में भड़काई गई हिंसा कोई आकस्मिक घटना नहीं, बल्कि एक सुनियोजित षडयंत्र था। इस षडयंत्र में डेरा प्रेमी आदित्य इन्सां, पवन इन्सां, हनीप्रीत इन्सां, राम रहीम, गोबीराम इत्यादि प्रमुख आरोपी बनाए गए थे। इसमें कई डेरा प्रेमियों की पहचान कर उनको गिरफ्तार कर लिया गया है। हनीप्रीत भी अंबाला की सेन्ट्रल जेल में बंद है, लेकिन आदित्य इन्सां अब भी फरार है।

केंद्र सरकार ने एक साल पहले पूछा था कि इस केस को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया जाए। लेकिन सूत्रों के अनुसार, इसका जवाब अब तक होम डिपार्टमेंट ने नहीं भेजा है। इधर, जम्मू-कश्मीर के रहने वाले आदित्य इंसां करीब 2 साल से फरार है, पुलिस ने उस पर 5 लाख रुपए का इनाम घोषित किया हुआ है। जिसे पकडऩे के प्रयास भी कम हो चुके हैं। हरियाणा पुलिस ने इनपुट के आधार पर 3 जिलों की पुलिस फोर्स लेकर सिरसा डेरे में रेड करने की प्लानिंग बनाई थी, लेकिन कैंसिल कर दिया गया।

विपासना का पूरे प्रकरण में है अहम रोल
विपासना की भूमिका में ही डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह को डेरे सिरसा से पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया था। लेकिन गुरमीत सिंह के यहां पेश होने से पहले भारी संख्या में डेरे के अनुयायियों को यहां भेजा गया। राम रहीम को दोषी करार दिया था, तो उसके बाद पंचकूला में हिंसा भड़क गई। इन सबूतों के आधार पर विपासना की भूमिका सामने आई थी।

पूछताछ के दौरान विपासना और हनीप्रीत में हुई थी बहस
इस पूरे मामले में हनी प्रीत की भूमिका सामने आने के बाद पुलिस ने विपासना को पंचकूला में पूछताछ के लिए बुलाया था। विपासना आई तो हनी प्रीत के सामने बिठाकर उससे पूछताछ की गई। इस दौरान दोनों में सवालों के जवाब देने के दौरान बहस भी हुई थी। पुलिस विपासना से हनी प्रीत की डायरी को डी कोड करवाना चाहती थी। उसे दोबारा बुलाया गया था, लेकिन वो नहीं आई, जिसके बाद पुलिस ने विपासना को मोस्टवांटेड लिस्ट में डाला था। इसी दौरान पुलिस जांच में सामने आया कि विपासना पूरे मामले में शामिल थी।

डेरा सच्चा सौदा के वाइस चेयरपर्सन और गुरमीत सिंह के खास लोगों में से एक गोबी राम ने पुलिस को दिए बयानों में बताया था कि हिंसा के दौरान कई बार डेरे की चेयरपर्सन विपासना से मोबाइल पर बात की थी, जिसकी कुछ रिकॉर्डिंग पुलिस को मिली है। इसमें गोबी राम ने विपासना को कहा कि आढ़ती बैठे हैं और मार्केट सज चुकी है। वहीं, आगजनी की वारदात होने के बाद कहा कि आग लग चुकी है, अब मैं निकल रहा हूं।

विपासना पर मेहरबान है हरियाणा पुलिस
पुलिस ने जिस विपासना को पकडऩे के लिए 8 बार रेड की थी, उसे अब मोस्टवांटेड लिस्ट से बाहर कर दिया है। वहीं दिसंबर-जनवरी महीने के दौरान विपासना चंडीगढ़ में ईडी की इनक्वायरी के दौरान बयान दर्ज करवाने के लिए कई बार आई। जिसपर ईडी ने बताया था विपासना आई है, लेकिन पुलिस ने अरेस्ट नहीं किया, जिससे साफ जाहिर होता है कि हरियाणा पुलिस विपासना पर मेहरबान है।

Shivam