हरियाणा: देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित हुआ पानीपत, 11 जिलों में 80 जगह जलाई गई पराली

10/14/2020 10:43:36 AM

डेस्कः हरियाणा में वायु प्रदूषण की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। फरवरी के बाद मंगलवार को प्रदेश की हवा इस सीजन में सबसे ज्यादा प्रदूषित रही। पानीपत में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 355 के रिकॉर्ड (रात आठ बजे) स्तर पर पहुंच गया। प्रदेश के दस शहरों का एक्यूआई 300 या इससे अधिक रहा, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी का माना जाता है। माना जा रहा है कि हरियाणा के मुकाबले इस बार पंजाब में पराली को ज्यादा आग लगाने ले ये प्रदूषण हुआ है। कुछ खेतों में पराली जलाई जा रही है। कई इलाकों में मलबा व कूड़ा डाला जा रहा है जो प्रदूषण को बढ़ाने का काम ही कर रहा है। 

वहीं पानीपत देश के सबसे अधिकरतक प्रदूषित शहरों में शामिल हो गया है। पानीपत का एक्यूआई 355 के रिकॉर्ड पर मापा गया है। मंगल को हरियाणा के 11 जिलों में 80 जगह पराली को जलाया गया। फतेहाबाद में पराली जलाने के मामले बढ़ने लगे हैं। पुलिस ने कृषि विभाग के अधिकारियों की शिकायत पर जिले में 11 किसानों पर मामले दर्ज किए है। सभी किसान टोहाना के ही रहने वाले बताए गए हैं। इसके साथ ही जिले में अब तक कुल 33 किसानों पर पराली जलाने के मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इसके अलावा जिले में पराली जलाने की 90 घटनाएं हो चुकी हैं वहीं हिसार में अब तक 20 स्थानों पर पराली जल चुकी है। 17 के चालान काटे गए हैं। 

हवा में फैले फसल कटाई से उठने वाले धूल कण
प्रदूषण बढ़ने का सबसे प्रमुख कारण पराली जलाना है। इसके साथ ही हवा में नमी रहने से धुंआ व धूल के कण ऊंचाई पर जाने के बजाए निचले लेवल पर ही तैरते रहते हैं। फसल कटाई से उठने वाले धूल के कण भी हवा में फैल गए हैं। यह समय ही ऐसा है। एक तो मौसम बदलाव करता है दूसरा जीरी कटाई और पराली जलाने के मामले होते हैं। अगर इन दिनों लॉकडाउन होता तो भी वायु में प्रदूषण बढ़ जाता। -एसके अरोड़ा, एसडीओ पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड।

प्रमुख शहरों का एक्यूआई (मंगलवार रात आठ बजे तक)
शहर              एक्यूआई 
पानीपत         - 355
चरखी दादरी   - 334
गुरुग्राम         - 335
फरीदाबाद       - 313
धारुहेड़ा         - 311
जींद              - 310
हिसार           - 299

 

Isha