पानीपत का नीरज अर्जुन अवाॅर्ड से सम्मानित

9/26/2018 11:00:03 AM

चंडीगढ़(ब्यूरो): गतदिवस पानीपत के खंडरा निवासी जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा को अर्जुन अवाॅर्ड मिला है, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नीरज चोपड़ा को अर्जुन अवाॅर्ड से सम्मानित किया। बता दें  नीरज ने कॉमनवेल्थ व एशियन गेम्स में गोल्ड जीता था। 

वहीं राष्ट्रपति ने भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट कोहली और वर्ल्ड चैंपियन महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू को राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित किया। साथ ही 20 खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार प्रदान किया गया। एशियन गेम्स के कारण राष्ट्रीय खेल पुरस्कार समारोह को इस बार 29 अगस्त से आगे बढ़ाकर 25 सितंबर को आयोजित किया गया। 

जानकारी के अनुसार नीरज ने 2016 विश्व जूनियर चैंपियनशिप में (86.48 मी) रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता था। दोहा डायमंड लीग में नीरज ने 87.43 मीटर के साथ राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था, लेकिन पदक से चूक गए थे और चौथे स्थान पर रहे थे। 

जेवलिन खरीदने के नहीं थे पैसे 
नीरज चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से दो साल पहले ही पासआउट हुए हैं। मौजूदा समय में वे आर्मी में सूबेदार के पद पर नौकरी कर रहे हैं। जेवलिन थ्रोअर बनने की तैयारियों करते हुए एक दौर ऐसा आया, जब नीरज के पास जेवलिन खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। अच्छी जेवलिन की कीमत डेढ़ लाख रुपये थी, पर नीरज ने हौसला नहीं खोया। पिता सतीश कुमार व चाचा भीम सिंह चोपड़ा से सात हजार रुपये लेकर सस्ता जेवलिन खरीदा और हर दिन आठ घंटे अभ्यास किया।

उधार पैसे लेकर खरीदा था भाला
चाचा भीम सिंह बताते हैं कि नीरज में इस खेल को लेकर इतना जुनून था कि जब वह पानीपत के शिवाजी स्टेडियम में तैयारी करता था तो वे नीरज को अपने साथ बाइक पर लेकर जाते थे। एक दिन उन्होंने देखा कि नीरज एकांत में बैठकर रो रहा था। उसने पूछा तो काफी देर तक नीरज ने कुछ नहीं बताया। कई बार पूछने पर उसने बताया कि उसके भाले की आगे की नोंक टूट गई है। नया भाला बहुत महंगा आता है। उसने कई जगह भाले का रेट पता किया। उस वक्त मैं उधार पैसे लेकर नीरज के लिए 25 हजार का भाला लेकर आया था।

  वहीं18 अगस्त से शुरू हो रहे एशियन गेम्स 2018 में भी नीरज ने कड़ी मेहनत की।उसने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में 21वें राष्ट्रमंडल खेलों के 10वें दिन भारत की झोली में एक स्वर्ण पदक डालकर इतिहास रचा था। अपने इसी शानदार प्रदर्शन को जारी रखते हुए हाल ही में फ्रांस में भी सुनहरी सफलता हासिल की। 
 

 

 

 

Deepak Paul