पानीपत टोल को HC में चुनौती, केंद्र सरकार अौर NHAI को नोटिस जारी

12/23/2017 12:58:37 PM

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): एनएच-1 पानीपत पर स्थित टोल फ्री प्लाजा पर वसूले जाने वाले चार्ज की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। मामले में पानीपत के संदीप मलिक ने केंद्र सरकार, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया समेत एलएंडटी पानीपत एलिवेटिड कोरिडोर लिमिटेड को पार्टी बनाया है। मांग की गई है कि मामले के तथ्यों व परिस्थितियों को देखते हुए प्रतिवादी पक्ष को आदेश दिए जाए कि एनएच-1 पानीपत पर स्थित टोल फ्री प्लाजा को एनएचएआई की 5 दिसंबर, 2008 व 1 जून, 2012 की नोटिफिकेशन के तहत चार्ज किया जाए। इसके अलावा नोटिफिकेशंस के तहत मूल्यों के हिसाब से मल्टीपल यात्रा टिकट्स जारी करें जो 24 घंटे के लिए वैध हो। हाईकोर्ट की डिविजन बैंच ने मामले में सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, एनएचएआई, एलएंडटी पानीपत एलिवेटिड कारिडोर लिमिटेड को 10 जनवरी के लिए नोटिस जारी किया है। 

याचिका में कहा गया है कि एन.एच.ए.आई. व उसके प्रतिनिधि फ्लाईओवर निर्माण, मुरम्मत एवं आधारिक संरचना के लिए टोल फीस वसूल रहे हैं। शिवा से लेकर पानीपत तक फ्लाईओवर का निर्माण चल रहा है। कहा गया है कि एनएच-1 पर टोल प्लाजा स्थापित कर टोल फीस वसूली जा रही है। टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों को जो यात्रा टिकट्स दे रहे हैं वह केवल एक तरफ के लिए मान्य है जबकि 24 घंटे के लिए नहीं है। ऐसे में व्यक्ति को अपनी यात्रा के दौरान जब भी टोल क्रॉस करना पड़ेगा तो उसे पैसे देने पड़ेंगे। एलएंडटी पानीपत एलिवेटिड कोरिडोर को लेकर कहा गया है कि पहले वह पानीपत के स्थानीय लोगों से 5 रुपए प्रति एंट्री वसूल रहे थे और अब राशि 10 रुपए कर दी गई है। ऐसे में जिन लोगों ने कभी इस फ्लाईओवर का इस्तेमाल तक नहीं किया उनसे रकम वसूली जा रही है। संबंधित फ्लाईओवर एलएंडटी पानीपत एलिवेटिड कोरिडोर बना रही है जिसकी लंबाई 7 से 9 किलोमीटर है। बताया गया है कि फ्लाईओवर का इस्तेमाल दिल्ली व करनाल से आने वाली ट्रैफिक करती है और पानीपत से एक भी एंट्री नहीं है। इसके बावजूद पानीपत के लोगों से टोल फीस वसूली जा रही है।