प्रशासन और सरकार के डर से किसान बनवा रहे पराली की गांठे, नहीं मिल रहे खरीददार

10/14/2020 6:46:54 PM

सिरसा (सतनाम): सरकार के आदेशों पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने पराली नहीं जलाने को लेकर किसानों को सख्त दिशा निर्देश देने के साथ कार्यवाही करने की चेतावनी भी दी है। जिससे वह पराली को आग न लगाएं। अब इसका असर भी जिले में दिखाई देने लगा है। किसान धान कटाई के बाद पराली की गांठे बनवा रहे हैं, लेकिन उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि सरकार के दिशा निर्देश का पालन कर रहे है, लेकिन गांठे बनवाने में जो खर्च आ रहा है उस अनुसार खरीददार नहीं मिल रहे हैं। किसानों ने पंजाब की तरह हरियाणा में भी यूनिट लगवाने की मांग उठाई है। ताकि पराली का सही इस्तेमाल किया जा सके। 



किसान जीत राम ने बताया कि आज वह अपने खेतों में गांठे बनवा रहे हैं, लेकिन पहले जहां वह गौशालाओं को पराली भेजते थे तो कुछ पराली को वह बेच देते थे। इस बार पराली खरीदने के लिए उनके पास कोई नहीं आ रहा है। उन्होंने बताया गांठे बनवाने के बाद इसे रखने के लिए भी जगह नहीं है। सरकार को चाहिए कि पराली को इकट्ठा करने के लिए किसानों को थोड़ी बहुत आर्थिक सहायता दे। 

पराली की गांठे बनाने वाले अतुल कुमार ने बताया कि उनके पास मशीनरी की कमी नहीं है। वह किसानों के खेतों में लगातार गांठे बना रहे हैं। उनका कहना है कि जिस तरह पंजाब में यूनिट लगाई गई हैं और पराली का सही इस्तेमाल किया जा रहा है। उसी तरह हरियाणा में भी यूनिट लगाई जानी चाहिए। यहां पर किसान गांठे बनवा रहे है, लेकिन उनको खर्च जायदा देना पड़ रहा है। सरकार की तरफ से भी उन्हें कोई सहायता नहीं मिल रही है, जगह की कमी के कारण वो पराली की गांठो को सड़क पर फेंकने पर मजबूर हैं।



उधर, इस बारे सिरसा कृषि उपनिदेशक डॉ बाबू लाल ने बताया कि पराली प्रबंधन के लिए किसानों को मशीनरी उपलब्ध करवाई जा रही है, किसान पराली की गांठे बनवा रहे हैं। किसानों का अच्छा सहयोग मिल रहा है। जिले में किसान अब परली को आग नहीं लगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि आग लगाने के अब तक कुल 17 मामले सामने आए हैं, जिस पर कार्यवाही की जा रही है।

vinod kumar