मासूम को कोरोना से मरता छोड़ गए थे मां-बाप, डॉक्टरों ने बचाई जान और परिवार को ढूंढ़ निकाला

6/21/2021 1:19:48 AM

रोहतक (दीपक भारद्वाज): पीजीआई में चार साल के मासूम बच्चे को कोरोना से जंग लड़ते छोड़ उसके परिजन गायब हो गए थे, जिसके बाद बच्चे को पीजीआई के आईसीयू में भर्ती किया गया और उसकी जान बचाई गई। वहीं पीजीआई प्रशासन ने उसके परिजनों को खोज निकाला है। आज दोपहर बच्चे के दादा पीजीआई में उससे मिलने पहुंचे और अपने पोते को देख दादा की आंखें भी भर आई। 

जानकारी के मुताबिक, खरखोदा इलाके के गांव के पवन नामक भट्ठे पर काम करने वाले दंपति 3 जून को अपने बच्चे को पीजीआई में भर्ती कराकर चले गए थे। दाखिले के वक्त माता-पिता ने अपनी फर्जी जानकारी डॉक्टर्स को दी थी। लेकिन, डीएमएस डॉ. महेश ने दाखिल बच्चे के फिंगर प्रिंट लेकर आधार कार्ड डेटाबेस से मैच करवाने की कोशिश की थी। आधारकार्ड के डेटाबेस में बच्चे के रिकॉर्ड को खंगालते हुए उसके घर का सही पता मालूम पड़ा। डॉक्टर की टीम ने बच्चे मनीष के परिजनों से संपर्क साधा और उन्हें सूचित कर पीजीआई बुला लिया। 



पीजीआई के पीडियाट्रिक विभाग में दाखिल बच्चे से मिलने शनिवार को लगभग 4 बजे उसके दादा कन्हैया मांझी और पड़ोसी पहुंचे। अपने पोते से मिलकर दादा की भी आंखें भर आई। परिजनों से पूछने पर पता चला कि कोरोना के भय से बच्चे के माता-पिता उसे सिर्फ दाखिल कराकर अस्पताल से चले गए थे, जिसके बाद लगभग 13 जून को दंपति अपने घर बिहार चले गए थे। मनीष का परिवार पिछले 9 महीने से भट्ठे पर काम कर रहा है। 

पीजीआई के डॉक्टर महेश ने बताया कि फिलहाल बच्चे की हालत स्थिर है व लगभग एक सप्ताह के बाद बच्चे को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बच्चे की लंग्स में इनफेक्सन था और वह कोरोना संक्रमित भी हो गया था। फिलहाल, पीडियाट्रिक विभाग में डॉक्टर की टीम ने सभी जरूरी जानकारी परिजनों से जुटा ली है।

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Content Writer

Shivam