लाचार बच्चे के मां-बाप ने खटखटाया CJM का दरवाजा, मदद के लिए उठे कई हाथ

3/27/2018 3:13:21 PM

पानीपत(अनिल कुमार): करीब डेढ़ माह पहले सड़क दुर्घटना में घायल हुए किशोर के गरीब बाप के सामने बेटे का इलाज करवाने की एक बहुत बड़ी चुनौती थी। कोई रास्ता न देख दु:खी पिता ने जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के महासचिव व सीजेम के सामने अपना दुखड़ा रोया तो सीजेएम के प्रयासों से जहां सिविल अस्पताल प्रशासन ने बच्चे को भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया वहीं दवाई व अन्य खर्चों बारे समाजसेवी संस्थाएं मदद के लिए आगे आई।

गांव निजामपुर में किराये के मकान में रहने वाला रामबीर सोमवार को अपने बेटे का इलाज करवाने की फरियाद लेकर जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के महासचिव सी.जे.एम. मोहित अग्रवाल से मिला और अपना दुखड़ा सुनाया। रामवीर ने बताया कि डेढ़ माह पहले उसका 13 वर्षीय बेटा अभिषेक बाबरपुर मंडी में सब्जी लेने गया था। जब वह जी.टी. रोड क्रास कर रहा था तो दिल्ली नम्बर की एक गाड़ी ने उसके बेटे को टक्कर मार दी थी। जिसमें उसका बेटा बुरी तरह से घायल हो गया था। गाड़ी चालक गाड़ी मौके पर ही छोड़कर भाग गया था।

बाद में घायल बेटे को पहले सिविल अस्पताल व बाद में रोहतक पी.जी.आई. में भर्ती करवाया गया था। जहां करीब 13 दिन तक उसे आई.सी.यू. में रखा गया था।  सरकारी अस्पताल होने के बावजूद भी डाक्टर बाहर से दवाइयां लिखते थे। दवाइयों का खर्चा वह उठाने में पूरी तरह से असमर्थ है। गत 9 मार्च को उसे डाक्टरों ने ठीक बताते हुए अस्पताल से छुट्टी दे दी। लेकिन उसका बेटा पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ है। बेटे की बांयी आंख में दर्द रहता है और इसी वजह से सिर में भी दर्द होता है। इसके अलावा खाने के लिए पाइप डाला हुआ है जिससे बच्चे को दिक्कत है। 

रामबीर ने बताया कि उन्होंने कर्जा लेकर भी बच्चे का इलाज करवाया लेकिन अब उनके पास बच्चे का इलाज के लिए पैसे भी नहीं बचे हैं। दुखी पिता की फरियाद सुनकर सीजेएम मोहित अग्रवाल खुद बच्चे को अपनी कार में लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे व डाक्टरों से बात कर बच्चों को वहां दाखिल करवाया। इतना ही नहीं सीजेएम ने जनसेवा दल व अन्य सामाजिक संस्थाओं से सम्पर्क कर बच्चे के इलाज में मदद की बात कही। जिस पर संस्थाओं ने बच्चे का इलाज का खर्च उठाने की हामी भरी। 

जनसेवा दल ने ली इलाज की जिम्मेदारी 
सी.जे.एम. मोहित अग्रवाल ने बताया कि जिस समय वह सिविल अस्पताल पहुंचे, वहां पर उनसे जनसेवा दल व अन्य सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों को मौके पर बुलाया गया व पीड़ित परिवार की मदद के लिए कहा गया। जिस पर जनसेवा दल ने सी.जे.एम. को आश्वासन दिया कि जब तक पीड़ित बच्चा अस्पताल में दाखिल रहेगा, उसके तीनों टाइम का खाना व देखभाल का पूरा ध्यान रखा जाएगा। दवाइयां चाहे जितनी भी महंगी हो, उसके लिए जनसेवा दल सहयोगी रहेगी।

डेढ़ महीने बाद बोला किशोर
सी.जे.एम. ने किशोर से जब उसका नाम पूछा तो उसने टूटी फुटी भाषा में अपना नाम अभिषेक बताया। जिस पर किशोर के पिता रामबीर व उसकी मां भी हैरान रह गई व सी.जे.एम. को बताया कि हादसे के बाद से किशोर बोलने की स्थिति में नहीं था, लेकिन अब उन्हें पूरी उम्मीद है कि उनका बेटा ठीक हो जाएगा।

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