Video : नियम-कायदों को ताक पर रखकर यात्रियों को बसों की छतों पर बिठाकर कराया जा रहा सफर, मूकदर्शक बना प्रशासन

4/8/2023 10:13:08 PM

पलवल (गुरूदत्त गर्ग) : जिले में कोऑपरेटिव सोसाइटी की बसों द्वारा सभी नियम और कायदों को ताक पर रखकर यात्रियों को बसों की छतों पर बिठाकर जानलेवा सफर कराया जा रहा है। जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। हरियाणा रोडवेज विभाग, स्थानीय जिला प्रशासनिक अधिकारी पुलिस और आरटीए आदि की तमाम मशीनरी आंखें बंद कर तमाशा देख रहे हैं। यही नहीं अधिक किराया वसूली की शिकायतों पर भी आरटीए के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।

बता दें कि पलवल में हरियाणा रोडवेज की पलवल बस स्टैंड से ही बसों की छतों पर सवार होकर जानलेवा सफर करने वालों ज्यादातर नौजवान व छात्र होते हैं, जो बस की छतों पर बैठ कर सवारी करना अपनी शान समझते हैं। ट्रैफिक नियमों को धता बताकर सड़कों पर प्रतिदिन ऐसे कई बसें दौड़ रही हैं। आए दिन सड़कों पर इस तरह कि दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं। इसके बावजूद प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।  लोग जानबूझकर बसों की छत पर बैठकर सवारी करते हैं तो निश्चित रूप से प्रशासन की निष्क्रियता साफ झलक रही है। इतना ही नहीं, सड़कों के किनारे बिजली के नंगे तार छत पर बैठे लोगों को अपनी चपेट में लेने के लिए सदैव खतरे का संकेत देते रहते हैं। इसके अलावा सड़क में बने गड्ढे बसों को दाएं-बाएं झकझोड़ती रहती है। जिससे छत पर बैठे लोगों के गिरने का डर भी बना रहता है।  इमरजेंसी ब्रेक लेने पर तो  ऊपर छत पर बैठी सवारियां गिर भी सकती हैं। यदि वाहनों की टक्कर हो जाए तो फिर हादसा कितना बड़ा हो सकता है इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है।

हादसों से चिंतित वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा हरियाणा रोडवेज की तमाम बसों से छत व सीढ़ियों को  हटवाया जा चुका है। यही नियम कोऑपरेटिव सोसाइटी की बसों पर भी लागू होते हैं।  बसो की छतों पर सफर कराने की सख्त पाबंदी है और यह ट्रैफिक रूल्स के खिलाफ भी है। लेकिन कोऑपरेटिव सोसायटी की बसों का संचालन करने वाले लोग प्रशासनिक अधिकारियों को खुश करते हुए जमकर चांदी कूट रहे हैं। यह न केवल निर्धारित संख्या से 3 गुना तक सवारियों को ढोने का काम कर रहे हैं बल्कि निर्धारित किराए से भी अधिक किराया वसूली कर रहे हैं। सोहना का निर्धारित पैंतीस रुपए के स्थान पर चालीस रुपये वसूले जा रहे हैं।  इसके लिए हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों के द्वारा आरटीए  को बार-बार मेल और पत्र के द्वारा शिकायतें दी गई है। लेकिन आरटीए की तरफ से अधिक किराया वसूली की शिकायतों पर भी कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है।  जिसका मतलब साफ है कि कि या तो प्रशासनिक अधिकारियों पर अवैध संचालन के  एमएलए और एमपी आदि का भारी दबाव है अथवा उन्हें भी अवैध कमाई में से हिस्सा मिलता है।

पलवल आरटीए से बार-बार संपर्क करने के बावजूद सम्पर्क नहीं हो सका। वहीं डीएसपी ट्रैफिक सत्येंद्र सिंह ने बसों की छतों पर अवैध रूप से सवारियों को ढोने पर कहा कि वह समय-समय पर अभियान चलाते हैं और बसों का चालान भी करते हैं।

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Content Editor

Mohammad Kumail