सरकार और एनएचएम कर्मियों की लड़ाई में पिस रहे मरीज

2/26/2019 10:09:55 AM

फरीदाबाद (ब्यूरो): पांच सूत्रीय मांगों को लेकर एनएचएम कर्मियों की 20 दिन से जारी हड़ताल का असर खट्टर सरकार पर पड़ता नहीं दिख रहा है। सरकार विधानसभा सत्र में बिजी है और यहां फरीदाबाद समेत पूरे रा४य में एनएचएम सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे है। सरकार यह तय कर चुकी है कि लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और कभी भी आचार संहिता लग सकती है। सरकार और एनएचएम कर्मियों के बीच की लड़ाई में आम जनता के स्वास्थ्य की चिंता किसी को भी नहीं है। ऐसे में समय रहते हड़ताल खत्म नहीं हुई और एनएचएम कर्मी काम पर नहीं लौटे तो स्थिति और अधिक विकट हो जाएगी। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ेगा।

वहीं सरकार ने फरीदाबाद में 622 एनएचएम कर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है और उधर बीके अस्पताल समेत जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्टॉफ की भारी कमी है। जिससे लोग इलाज को तरस रहे है। लोगों की परेशान न ही सरकार को दिखाई दे रही है और न ही एनएचएम कर्मियों को। बस एक ही धुन हैं की हमारी मांगें किसी भी सूरत में पूरी होनी चाहिए। 

वहीं स्वास्थ्य अधिकारी भी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं और रिक्त पदों पर अस्थायी कर्मचारियों की भर्ती तक नहीं कर रहे। यदि कहीं भर्ती की जा रही है तो वह एंबुलेंस चालकों की। जिसमें आउट सोर्सिंग से एंबुलेंस चालक लिए जा रहे है। ताकि मरीजों को अस्पताल लाने ले जाने में की समस्या नहीं रहे। लेकिन वहां भी व्यवस्थाएं बदहाल हैं। बर्खास्त 620 एनएचएम कर्मचािरयों में 300 के आसपास एनएनएमए 135 के आसपास नर्स, 60 डॉक्टर, 50 फ ार्माािसस्ट, 15 से ज्यादा एम्बुलेंस चालक आदि शािमल हैं।

बीके अस्पताल में नर्स के 90 पर्द निर्धािरत हैं। बताया जाता है कि इन निर्धारित पदों में से मात्र 22 ही नर्स कार्यरत हैं। इनमें से भी कोई न कोई छुट्टी पर रहती है। ऐसे में 200 बेड वाले अस्पताल में मरीजों को काफ ी परेशानी होरही  है। सर्वाधिक परेशानी निकू पिकू वार्ड में नवाजतों के रख रखाव में हो रही है।

Deepak Paul