हरियाणा के कानूनों से पंजाब का नाम हटाने का रास्ता साफ, एक अधिनियम से बदलेगा नाम

10/28/2020 8:56:33 AM

चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी) : हरियाणा के अधिनियमों से पंजाब हटाने का रास्ता साफ हो गया है। अब हरियाणा विधानसभा में एक विधेयक पास करके करीब 163 कानूनों से पंजाब का नाम हटाएगा। इस सिलसिले में मंगलवार को विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव विजय वर्धन और इस विषय में गठित कमेटी के साथ बैठक की।

इस कमेटी की अध्यक्षता कानून एवं विधि विभाग की लीगल रिमेम्ब्रेन्सर बिमलेश तंवर कर रही हैं। बैठक में इस मसले पर गंभीर मंत्रणा हुई। लीगल रिमेम्ब्रेन्सर ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश के अधिनियमों से पंजाब शब्द के स्थान पर हरियाणा करने में कोई भी कानूनी अड़चन आड़े नहीं आएगी। प्रदेश सरकार के दोनों वरिष्ठ अधिकारियों की सहमति के बाद अब इस संबंध में गठित कमेटी अपना काम तेज करेगी।

लीगल रिमेम्ब्रेन्सर ने बताया कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1966 के तहत हरियाणा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला है। उसे अपनी आवश्यकता अनुसार कोई भी नया कानून बनाने तथा राज्य से संबंधित किसी भी कानून में संशोधन का पूरा अधिकार है। लीगल रिमेम्ब्रेन्सर ने स्पष्ट किया किया कि हरियाणा विधान सभा को किसी भी अधिनियम के शीर्षक तथा उपशीर्षक में संशोधन करने की भी पूरी शक्ति है। इसके साथ ही मुख्य सचिव विजय वर्धन ने कहा कि ऐसा करने में कोई प्रशासनिक बाधा भी नहीं है।

गौरतलब है कि विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता हरियाणा के अधिनियमों से पंजाब शब्द हटाने के लिए प्रयासरत है। इस संबंध में उन्हें मुख्यमंत्री मनोहर लाल का भी समर्थन मिल चुका है। गुप्ता के मुताबिक शीर्षक और उप-शीर्षकों में संशोधन के लिए गठित कमेटी ने भी तेजी से काम शुरू कर दिया है और शीघ्र ही सकारात्मक परिणाम आएंगे। बता दें कि यह कमेटी 1968 के आदेश के अंतर्गत स्वीकृत अधिनियमों के उपशीर्षकों के संशोधन के विषय में पुनरावलोकन एवं परीक्षण कर रही है।

कमेटी की अध्यक्षता कानून एवं विधि विभाग की लीगल रिमेम्ब्रेन्सर एवं प्रशासनिक सचिव कर रही हैं। गत दिनों प्रदेश सरकार ने कमेटी गठन करने के बाद विधान सभा सचिवालय को सूचित किया था। बैठक में विधान सभा अध्यक्ष के सचिव सुभाष शर्मा, कानूनएवं विधि विभाग की ओएसडी अनुदीप कौर भट्‌टी, राजनीति एवं संसदीय मामले विभाग के उप सचिव देविंदर कपिल, सामान्य प्रशासन विभाग के ओएसडी (नियम) राजपाल मेहता, सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव राकेश कुमार और विधान सभा सचिवालय में अवर सचिव विष्णु देव उपस्थित रहे।

Manisha rana