रंजिश व डबल मर्डर में गवाह बने पवन को पड़ा मंहगा, उतारा मौत के घाट

10/16/2019 9:49:10 AM

भिवानी (सुखबीर) : गांव बडेसरा के पूर्व सरपंच 33 साल के पवन को पहले से ही जान से मारने की धमकी मिल रही थीं। इसका कारण यह था कि पवन गांव में 8 जुलाई 2017 को हुए डबल मर्डर मामले में गवाह बना हुआ था। इसलिए उस पर उस मामले में गवाही देने पर जान से मारने की धमकियां मिल रही थी। उसकी उस मामले में आधी गवाही 9 सितम्बर को तो बाकी गवाही 22 अक्तूबर को होने वाली थी। मगर दूसरे पक्ष ने उससे पहले ही पवन की हत्या कर उसे ठिकाने लगा दिया। 

यहां बता दें कि सोमवार देर रात एक चुनावी जनसभा से अपने घर लौट रहे गांव बडेसरा के पूर्व सरपंच पवन की बाइक पर सवार होकर आए 2 युवकों ने 7 गोलियां मारकर उसकी हत्या कर दी। इस मामले में पुलिस ने मृतक के चचेरे भाई राजकुमार की शिकायत पर 12 लोगों के खिलाफ हत्या और हत्या की साजिश रचने का केस दर्ज किया है। इनमें से 4 आरोपी इस समय 2017 वाले डबल मर्डर केस में जेल में बंद हैं। 

पवन बना था मामले में गवाह 
2017 में हुए उस डबल मर्डर मामले में पूर्व सरपंच पवन पीड़ित पक्ष की ओर से गवाह बना हुआ था। इसलिए आरोपी पक्ष उस पर बार बार दबाव डाल रहा था कि वह उस मामले में उनके खिलाफ गवाही न दे। वहीं पवन की आधी गवाही 9 सितम्बर को हो चुकी थी तो बाकी गवाही के लिए अदालत ने उसे 22 अक्तूबर को तलब किया हुआ था। मगर दूसरे पक्ष ने उसकी गवाही पूरी होने से पहले ही सोमवार रात ठिकाने लगा दिया। 

अब इन लोगों को किया नामजद 
पुलिस ने अब पवन की हत्या के मामले में उसके चचेरे भाई राजकुमार की शिकायत पर बडेसरा निवासी रमेश, विकास उर्फ पिल्लू, सुखबी, आनंद की पत्नी सुदेश, अनूप, अजीत उर्फ बालिया व हिसार के गांव पुट्ठी निवासी आनंद के मामा रामभगत पटवारी पर केस दर्ज किया है। इस बारे में राजकुमार का आरोप है कि इन आरोपियों ने 2017 वाले डबल मर्डर के मामले में राजीनामा करने के लिए पवन पर दबाव दिया हुआ था।

इसके अलावा वे पवन को जान से मारने की धमकी भी देते थे। उन्होंने बताया कि इन आरोपियों ने इस वारदात को जेल में बंद आनंद उर्फ बब्लू, रविन्द्र, पवन व प्रमोद जो बलजीत व भलेराम की हत्या के केस मे भिवानी जेल में बन्द हैं उनके इशारे पर पवन की हत्या कराई है। 
 

Isha