47 किलो का केक काटकर मनाया भिवानी का 47वां स्थापना दिवस

12/22/2018 11:03:58 PM

भिवानी(अशोक): भिवानी जिले की स्थापना के 46 वर्ष पूरे होने पर शनिवार को भिवानी में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस मौके पर जहां प्रशासनिक अधिकारियों एवं विधायक ने मिलकर शहर में स्वच्छता अभियान चलाया। वहीं सामाजिक संस्था नेताजी सुभाष चंद्र बोस युवा जागृत सेवा समिति द्वारा पर्यावरण संतुलन को लेकर अभियान चलाया गया तथा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की शपथ दिलाई गई। व्यापार मंडल द्वारा भिवानी के 47वें स्थापना दिवस पर 47 किलो का गूंद का केक काटा गया।



इस मौके पर महंत चरणदास महाराज ने कहा कि आज भिवानी जिले की स्थापना को 46 वर्ष पूरे हो चुके हैं। इन 46 वर्षों में भिवानी जिले ने विभिन्न क्षेत्रों में खूब तरक्की की। आज राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र में भिवानी के बहुत से लोग अपना नाम कमा रहे हैं। जो कि भिवानी वासियों के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि यहां सैंकड़ों मंदिर भी धार्मिकता व सामाजिक समरसता में पीछे नहीं रहते, इसीलिए भिवानी देश में छोटी काशी का दर्जा पाती है। उन्होंने कहा कि हमें स्वच्छ पर्यावरण के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए इसके साथ ही अपने आस-पास के वातावरण को साफ रखना चाहिए।



वहीं व्यापार मंडल के प्रधान भानुप्रकाश शर्मा ने कहा कि आज भिवानी के 47 वर्ष पूरे होने पर उन्होंने 47 किलो का गूंद का केट काटा है। उन्होंने कहा कि भिवानी ने देश को बहुत कुछ दिया है, इसलिए हमें भिवानी और भिवानी की जनता पर बड़ा गर्व है। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा कि बात की जाए या फिर दानवीरों की बात कही जाए तो भिवानी कभी पीछे नहीं रहता। इसी प्रकार खेल व समाजसेवा के क्षेत्र में भी भिवानी के लोग पीछे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भिवानी स्थापना दिवस का यह उत्सव व्यापार मंडल द्वारा एक माह तक चलाया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि भिवानी की स्थापना 22 जुलाई 1972 को की गई थी। इतिहास पर जाएं तो आईने-अकबरी में भिवानी का जिक्र मिलता है। बताया जाता है कि ये नगर राजपूत राजा नीम सिंह ने अपनी रानी भानी के नाम पर बसाया था। कालांतर में इसका नाम स्थानीय बोली के अनुरूप बिगड़ कर भ्याणी और बाद में भिवानी पड़ गया। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि यहां हिन्दू धर्म की देवी माता भवानी ने अपने चरण रखे थे और उससे इसका नाम बदलकर भिवानी पड़ा। मुगलकाल में यह एक महत्वपूर्ण औद्योगिक नगर था और आज भी हरियाणा और राजस्थान के बीच उद्योग क्षेत्र को बढ़ावा देता है।

Shivam