खट्टर व हुड्डा दोनों सरकारों के अधिकांश मंत्रियों को लोगों ने नकारा

11/7/2019 10:50:26 AM

डेस्क (संजय अरोड़ा): हरियाणा की सियासत में 2009 एवं 2019 का सियासी गणित लगभग एक जैसा रहा है। 2009 के चुनावी नतीजों में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने लगातार दूसरी बार सत्ता पर काबिज होने में सफलता हासिल की तो वहीं 2019 के चुनाव में मनोहर लाल खट्टर भी लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने में कामयाब रहे। दोनों चुनावों में बड़ी समानता यह भी रही कि हुड्डा दूसरी पारी में बहुमत से 6 सीटें कम यानी कुल 40 सीटें कांग्रेस की झोली में डालने में सफल हुए और उन्होंने निर्दलीयों के सहारे सरकार बनाई तो वहीं मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में इस बार लड़े गए चुनाव में भाजपा की सीटों का आंकड़ा भी 40 पर ही आकर रुका और खट्टर ने भी जजपा व निर्दलीयों के सहारे ही सत्ता में वापसी की। वहीं हुड्डा सरकार के पहले टर्म 2005, दूसरे टर्म 2009 की बात करें और मनोहर सरकार के पहले टर्म 2014 का आंकलन करें तो यह सामने आता है कि इन तीनों ही टर्म में मंत्री पद पर रहे अनेक नेताओं को जनता की नाराजगी झेलनी पड़ी। 

मसलन 2005 में हुड्डा सरकार में मंत्री रहे 6 नेता 2009 में चुनाव हार गए। इसी तरह से 2009 में हुड्डा सरकार के दूसरे टर्म में मंत्री रहे 8 नेताओं को हार का सामना करना पड़ा। वहीं 2014 में मनोहर लाल सरकार में मंत्री रहे 8 नेताओं को इस बार चुनावों में पराजय मिली है।गौरतलब है कि कांग्रेस ने 2005 में 90 में से 67 सीटों पर जीत हासिल करते हुए सरकार बनाई थी। उस समय भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री  बने। इसके बाद 2009 में कांग्रेस का आंकड़ा 40 सीटों पर रुक गया था।

हुड्डा सरकार के पहले कार्यकाल में उपमुख्यमंत्री रहे चंद्रमोहन हजकां की टिकट पर नलवा से चुनाव हार गए। उनके अलावा वित्त मंत्री रहे बीरेंद्र सिंह उचाना कलां से, शिक्षा मंत्री फूलचंद अम्बाला के मुलाना विधानसभा क्षेत्र, उद्योग मंत्री लछमन दास अरोड़ा सिरसा से,मीना मंडल नीलोखेड़ी से जबकि परिवहन मंत्री मांगेराम गुप्ता जींद से चुनाव हार गए थे। हालांकि दूसरे टर्म में 40 सीटों पर जीत हासिल करने वाले हुड्डा ने आजाद उम्मीदवारों की मदद से सरकार बनाई,मगर इस बार उनके 8 मंत्री चुनाव हार गए।

2014 के चुनावी परिणाम में हुड्डा सरकार में मंत्री रहे कैप्टन अजय सिंह यादव रेवाड़ी से, परमवीर सिंह टोहाना से,सतपाल सांगवान दादरी से, राव नरेंद्र सिंह नारनौल से, गोपाल कांडा सिरसा, आफताब अहमद नूंह,शिव चरण शर्मा फरीदाबाद एन.आई.टी. व महेंद्र प्रताप सिंह बडख़ल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार गए। मनोहर सरकार के भी 8 मंत्रियों को इस बार चुनावी नतीजों में निराशा का सामना करना पड़ा है। इस बार के चुनावी परिणाम में मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री रहे कैप्टन अभिमन्यु नारनौंद से, महेंद्रगढ़ से रामबिलास शर्मा,ओमप्रकाश धनखड़ बादली से,कृष्ण पंवार इसराना से,कविता जैन सोनीपत से,मनीष ग्रोवर रोहतक से,कृष्ण बेदी शाहबाद से, कर्ण देव कम्बोज रादौर से चुनाव हार गए हैं।  इस बार भाजपा के दो मंत्री ही अपनी सीट बचाने में सफल हुए हैं। अम्बाला कैंट से अनिल विज ने आजाद उम्मीदवार चित्रा सिंह को 20 हजार 165 वोट से पराजित कर लगातार छठी बार विधायक बने हैं। इसी तरह से बावल से बनवारी लाल ने 32 हजार 245 मतों से जीत दर्ज की है।

Isha