हरियाणा व पंजाब में बंधुआ मजदूरों के पुनर्वास व मुआवजे की मांग को लेकर याचिका दायर

9/13/2018 1:15:09 PM

चंडीगढ़(बृजेन्द्र): पंजाब व हरियाणा के बंधुआ मजदूरों के लिए केंद्र सरकार की योजना के तहत उनके पुनर्वास व मुआवजे की मांग को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इस मामले में समाजसेवी निर्मल गोराना ने केंद्र सरकार, पंजाब सरकार, हरियाणा सरकार, डिपार्टमैंट ऑफ सोशल सिक्योरिटी एंड वूमैन एंड चाइल्ड पंजाब, डिपार्टमेंट ऑफ सोशल सिक्योरिटी एंड वूमेन एंड चाइल्ड हरियाणा, डी.सी. एस.बी.एस. नगर पंजाब, डी.सी. गुरदासपुर, डी.सी. हिसार व डी.सी. सहारनपुर (यू.पी.) को पार्टी बनाया है। मांग की गई है कि पंजाब व हरियाणा में रैस्क्यूड बोंडिड लेबर्स को सेंट्रल सेक्टर स्कीम फॉर रिहैबिलिटेशन ऑफ बोंडिड लेबर्स-2016 के तहत 20 हजार रुपए मुआवजा प्रदान किया जाए। रैस्क्यूड बोंडिड लेबर्स के पुनर्वास को सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश जारी किए जाएं।

बोंडिड लेबर के मामलों में प्रतिवादी अथॉरिटी को संबंधित एक्ट के तहत उचित आपराधिक कार्रवाई करने के लिए भी निर्देश दिए जाएं। इसके अलावा प्रतिवादी अथॉरिटी सुनिश्चित करे कि बोंडिड लेबर सिस्टम (अबोलिशन) एक्ट के तहत सभी बोंडिड लेबर्स को उस समय तक का मिनिमम अन्र्ड वेजिस मिलें, जो रिलीज हो चुके हैं।

याची पक्ष की ओर से अधिवक्ता अर्जुन श्योराण ने दलीलें पेश कीं। हाईकोर्ट की पी.आई.एल. बैंच ने दलीलों को सुनने के बाद प्रतिवादी पक्ष को 10 अक्तूबर के लिए नोटिस जारी किया है। याची ने कहा है कि उन्होंने कई बंधुआ मजदूरों को छुड़वाया है, जिनमें नाबालिग और महिलाएं भी शामिल हैं। ऐसे मजदूरों के लिए केंद्र की स्कीम के तहत तुरंत 20-20 हजार रुपए की रकम जारी की जाए। याची ने सहारनपुर के एक परिवार के 8 लोगों की बंधुआ मजदूर के रूप में तस्करी कर उनसे ईंटों के भट्ठे में एस.बी.एस. नगर में काम करवाने की शिकायत अथॉरिटी को दी थी। स्कीम के तहत उनके पुनर्वास व मुआवजे की मांग की गई थी मगर कोई उचित कार्रवाई नहीं हुई। इसी प्रकार अन्य बंधुआ मजूदरों को छुड़वाने व उनको हक न मिलने की जानकारी भी याचिका में दी गई है।

Deepak Paul