फिम्स अस्पताल का दूसरा कारनामा, बीमे के पैसों के लिए ली मरीज की जान

1/12/2018 4:43:25 PM

सोनीपत: फिम्स अस्पताल में एक मामूली बुखार के मरीज की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल पर आरोप लगाया कि, बीमित राशि के लालच में डॉक्टरों ने इलाज का बिल बढ़ाना चाहा और इस दौरान उनके मरीज का गलत इलाज किया गया, जिससे उसकी मौत हो गई। बता दें कि, फिम्स अस्पताल चंद दिनों के अंतराल में दूसरी बार सुर्खियों में आया है। इससे पहले फिम्स अस्पताल ने डेंगू के महज 6 दिन के इलाज के लिए 4.50 लाख बिल पीड़ित परिवार को सौंपा था। इस बिल से असहमत परिवार ने इसकी शिकायत सीएम विंडो और डीसी से की थी। आगे पढें क्या है दूसरा मामला...

गन्नौर निवासी संजय को अक्टूबर माह में बुखार की शिकायत के चलते फिम्स अस्पताल में दाखिल करवाया गया। परिजनों के अनुसार संजय ठीक था और उन्होंने डॉक्टरों को छुट्टी देने की बात कही तो डॉक्टरों ने उसे एक इंजेक्शन लगाया, जिसके बाद उसका रिएक्शन हो गया और उसके पूरे शरीर में बड़े-बड़े दाग हो गए जिसके चलते आईसीयू में उसकी मौत हो गई।

परिजनों ने इसकी शिकायत पुलिस को दी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई तो अब अब इस मामले की शिकायत सीएम विंडो में दी गई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने सीनियर डॉक्टरों का एक बोर्ड बनाया है, इस मामले की गंभीरता से जांच करेगा और जल्द से जल्द रिर्पोर्ट देगा।

मृतक संजय के भाई राजीव ने बताया कि, बीती 9 अक्टूबर को उन्होंने संजय को सोनीपत के फिम्स अस्पताल के भर्ती के दौरान संजय के मेडिकल टेस्ट किए गए तो उसकी प्लेटलेट्स कम पाए। इलाज के बाद उसके प्लेटलेट्स सही हो गए जिसके बाद हमने छुट्टी की बात कही। डॉक्टरों ने कहा कि अभी वो ठीक नहीं हुआ है और एक इंजेक्शन लगाया जिसके बाद उसे रियेक्शन हुआ और आईसीयू में उसकी मौत हो गई।

परिजनों का आऱोप है कि महज पैसों के लिए डॉक्टरों ने ऐसा किया क्योंकि हमारा मेडिकल बीमा था जिसके बाद वो और बिल बढ़ाना चाहते थे। मृतक की बेटी ने कहा कि सरकार इसमें जांच करे और दोषी डॉक्टर राजपाल जैन, अनिल जैन के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करे ताकि कोई और शिकार न हो।

वहीं इस बारे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी का कहना है कि सीएम विंडो के जरिए एक शिकायत मिली है, जिसमें राजीव ने शिकायत दी है कि उसके भाई को इलाज के लिए फिम्स अस्पातल में भर्ती करवाया था और इलाज के दौरन उसकी मौत हुई है। वही सीएमओ ने एक बोर्ड बना दिया गया है जल्द ही मामले की जांच रिर्पोट तैयार कर दी जाएगी।