कोरोना के मरीजों के लिए फिजियोथैरेपी चिकित्सा संजीवनी साबित हो रही : डॉ. सुमंता घोष

4/16/2021 10:32:47 AM

चंडीगढ़ (धरणी) : जगन्नाथ विश्वविद्यालय व हरियाणा चार्टर्ड एसोसिएशन ऑफ फिजियोथैरेपिस्ट के संयुक्त तत्वाधान में फिजियोथैरेपी विभाग द्वारा कोरोना के मरीजों को इलाज के दौरान व उसके बाद दी जाने वाली पलमोनरी रिहैबिलिटेशन विषय पर एक राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया जिसमें बतौर मुख्य वक्ता बोलते हुए रेस्पिरेट्री फिजियोथैरेपिस्ट डॉ सुमंता घोष ने बताया कि मौजूदा समय में बढ़ते हुए कोरोना के मरीजों के लिए आईसीयू के अंदर व उनको हॉस्पिटल से छुट्टी मिल जाने के बाद कार्डियोपलमोनरी फिजियोथैरेपी चिकित्सा उनके लिए संजीवनी साबित हो रही है।

क्योंकि कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव मरीज के फेफड़ों पर पड़ता है जिसके चलते मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है और वही आगे चलकर उसके लिए जानलेवा साबित होता है ऐसे में फिजियो थेरेपी द्वारा मरीज को ब्रीदिंग व एरोबिक एक्सरसाइज करवाई जाती हैं जिससे के मरीज के फेफड़ों में किसी भी तरह का इन्फेक्शन ना हो और उनकी मजबूती बनी  रहे जिससे मरीज को सांस लेने में किसी किस्म की कोई तकलीफ ना हो और उसका जीवन बचाया जा सके। वेबीनार के दौरान उन्होंने कुछ ब्रीदिंग एक्सरसाइज स्वयं करके प्रतिभागियों को दिखाई जिससे की वो इनको सही तरह से समझ सकें।

वेबीनार के आयोजन सचिव फिजियोथैरेपी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ आर के मुदगिल ने बताया कि इस वेबीनार में देश के विभिन्न हिस्सों के 60 के करीब फिजियोथैरेपी चिकित्सकों व छात्र-छात्राओं ने भाग लिया साथ ही साथ उन्होंने बताया कि माननीय रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे मंत्री श्री नितिन गडकरी जी भी कार्डियोपलमोनरी फिजियोथैरेपी चिकित्सा सेवाओं का लाभ ले चुके हैं इसके लिए उन्होंने बहुत पहले अपना एक वीडियो भी जारी किया था। लेकिन अभी भी आम लोगों की इस इलाज तक पूरी पहुंच नहीं है, इसके लिए जरूरी है कि मौजूदा सरकार भी फिजियोथैरेपी चिकित्सा सेवाओं की गंभीरता को समझते हुए तुरंत प्रभाव से हर स्तर पर फिजियोथैरेपी चिकित्सकों की नियुक्ति करें ताकि इस महामारी के दौर में लाखों लोगों की जान को बचाया जा सके।

जगन्नाथ विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ सुमेर सिंह ने इस राष्ट्रीय वेबीनार के सफल आयोजन के लिए फिजियोथैरेपी विभाग को बधाई दी और साथ ही साथ ही इस विषय पर जोर दिया के इस तरह के आयोजन निरंतर होते रहने चाहिए ताकि सभी के ज्ञान में वृद्धि हो सके। उन्होंने फिजियोथैरेपी विभाग से आग्रह किया कि वह भी अगले सेशन से फिजियोथेरेपी में कार्डियोपलमोनरी स्पेशलाइजेशन के साथ मास्टर डिग्री शुरू करें ताकि इस तरह के स्पेशलाइजेशन के लिए हरियाणा के छात्रों को दूर दराज ना जाना पड़े। वेबीनार के दौरान मंच संचालन डॉ कोमल द्वारा किया गया व विभाग की तरफ से इस दौरान मुख्य तौर पर डॉ रवीना भुक्कल, डॉ आयशा झाझरिया, डॉ ज्योति बालियान, डॉ सोनिया शर्मा इत्यादि विशेष रूप से मौजूद रहे।

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Content Writer

Manisha rana