दिल्ली रैली में नहीं दिखेंगी गुलाबी पगडिय़ां

12/6/2019 10:45:38 AM

अम्बाला (रीटा/ सुमन): कांग्रेस क्षेत्रों में दिल्ली के रामलीला ग्राऊंड में 14 दिसम्बर को होने वाली कांग्रेस की भारत बचाओ रैली में कांग्रेस शासित प्रदेश पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ से भारी भीड़ पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है लेकिन रैली को कामयाब करने का असली जिम्मा दिल्ली और उससे सटे राज्य हरियाणा का होगा। अभी हाल में दिल्ली में हरियाणा के कांग्रेस विधायकों व नेताओं के साथ हुई अहमद पटेल व गुलाम नबी आजाद की बैठक में इस पर रणनीति तैयार की गई।


माना जा रहा है कि विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा की अगुवाई में इसके लिए अपनी पूरी ताकत झोंकेंगे। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक दिल्ली की बैठक में अहमद पटेल ने विधायकों को निर्देश दिए कि इस रैली में हरियाणा कांग्रेस एकजुट नजर आनी चाहिए। सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन संकेतों में बता दिया गया था कि पहले की तरह अपनी-अपनी भीड़ दिखाने के लिए गुलाबी पगड़ी या गांधी टोपी का प्रदर्शन नहीं होना चाहिए।

कांग्रेस को रैली में विपक्षी दलों के दिग्गजों के आने की भी उम्मीद 
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र में भाजपा को झटका देने के बाद कांग्रेस के हौसले काफी बुलंद हैं। अब वह संगठन को पूरे देश में नए सिरे से खड़ा करने की कोशिश में जुटा है। कांग्रेस को उम्मीद है कि आॢथक मंदी, बेरोजगारी व महंगाई जैसे आम आदमी से जुड़े मुद्दों पर की जाने वाली इस रैली में विपक्षी दलों के कई दिग्गज भी कांग्रेस से साथ खड़े नजर आ सकते हैं। जानकारी के मुताबिक रैली के लिए चंद्र बाबू नायडू, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, शरद यादव, तेजस्वी यादव, मायावती व एच.डी. देवेगोड़ा को भी बुलावा भेजा जा सकता है ताकि रैली से देश भर में कांग्रेस की ताकत के साथ-साथ विपक्षी एकता संदेश भी जाए।

एन.सी.पी. सुप्रीमो शरद पवार का रैली में आना तय माना जा रहा है लेकिन शिवसेना के सबसे बड़े चेहरे व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस रैली में शामिल होंगे या नहीं,इस पर असमंजस बना हुआ है। वैसे ठाकरे के मुख्यमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में सोनिया गांधी व राहुल गांधी कुछ राजनीतिक कारणों के चलते शामिल नहीं हुए थे जबकि उद्धव का बेटा आदित्य ठाकरे खुद सोनिया को न्यौता देने 10 जनपथ गया था।

टिकट आबंटन में खींचातानी के बावजूद विधानसभा चुनाव प्रचार में एकजुट नजर आए थे हुड्डा व शैलजा 
अशोक तंवर के कांग्रेस छोडऩे के बाद यह पहला मौका होगा जब हरियाणा से रैली की कमान हुड्डा व शैलजा के हाथों में होगी। विधानसभा चुनावों में हालांकि टिकटों के आबंटन को लेकर हुड्डा व शैलजा में खींचातानी रही लेकिन इसके बावजूद दोनों नेता चुनाव प्रचार में काफी हद तक एकजुट नजर आए। 2014 के मुकाबले में दोगुनी सीटें आने पर जहां पार्टी आलाकमान ने हुड्डा की पीठ थपथपाई,वहीं बेहतर नतीजों के चलते शैलजा को संगठन की कमान बखूबी संभालने का श्रेय भी मिला। दिल्ली की रैली में यदि हरियाणा से ठीक-ठाक भीड़ जुट जाती है तो आलाकमान और कार्यकत्र्ताओं का इस नई जोड़ी पर भरोसा बढ़ेगा। 

Isha