हरियाणा में हादसों वाले स्थानों को किया जाना चाहिए चिन्हित : श्रीकांत जाधव

5/22/2018 8:43:23 AM

चंडीगढ़(अर्चना): हरियाणा स्टेट क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के डायरैक्टर श्रीकांत जाधव का कहना है कि सड़क हादसों के कारण न सिर्फ लोग विकलांग हो रहे हैं बल्कि कई घरों के चिराग भी बुझ रहे हैं। हादसों पर अंकुश लगाने के लिए सबसे जरूरी है कि राज्य की सड़कों पर वाहनों की संख्या, स्पीड और दुर्घटनाओं को लेकर रिपोर्ट तैयार की जाए।

यह भी बहुत जरूरी है कि राज्य के ऐसे प्वाइंट्स चिन्हित किए जाएं जहां सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं। इसके अलावा हादसे का समय, कारण और सड़क पर रोशनी का अभाव या चौड़ाई को लेकर डाटा एकत्रित किया जाए। चालक ने शराब पी रखी थी या ज्यादा भीड़ होने के कारण हादसा हुआ। हादसे के कारण के आंकलन के बाद स्थिति में सुधार बारे सोचा जा सकता है। इसके बाद सड़कों की डिजाइनिंग में भी बदलाव किया जाना चाहिए। स्कूल व कालेज के छात्रों को भी जागरूक करने की जरूरत है कि शराब पीकर गाड़ी चलाना न सिर्फ उनके लिए बल्कि दूसरों के लिए भी घातक हो सकता है।

गौरतलब है कि गत वर्ष हरियाणा की मनोहर लाल सरकार ने डब्ल्यू.आर.आई. इंडिया और नैसकॉम के सहयोग से जीरो विजन प्रोग्राम शुरू किया था। इसका उद्देेश्य स्कूली बच्चों को न सिर्फ सेफ ड्राइविंग के प्रति जागरूक करना था बल्कि सड़कों को ऐसी डिजाइनिंग देना भी था जो हादसों पर विराम लगा सके। वर्ष 2020 तक हादसों के कारण होने वाली मौतों में 50 प्रतिशत कटौती करना भी है परंतु एक साल में घटने की बजाय बढऩे के आंकड़े सामने आए हैं।

एक साल में होते हैं औसतन 12000 सड़क हादसे
आंकड़ों के अनुसार देशभर में एक साल दौरान 4,50,000 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिनमें 1,20,000 की मौत हो जाती है जबकि 5 लाख गंभीर घायल हो जाते हैं। हरियाणा ट्रैफिक विभाग के आंकड़ों के अनुसार एक साल दौरान हरियाणा में औसतन 12000 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और 4500 लोगों की मौत हो जाती है जबकि 10 हजार गंभीर घायल हो जाते हैं।

आंकड़ें यह भी कहते हैं कि हरियाणा में सबसे ज्यादा सड़क हादसे बीते साल गुरुग्राम में हुए। एक हजार से अधिक हादसों का संबंध सिर्फ गुरुग्राम से ही था। हादसों में 415 के करीब लोग मौत की नींद सो गए थे। उसके बाद दूसरे स्थान पर करनाल रहा। यहां 720 के करीब हादसे हुए और 350 लोगों की हादसों में मौत। सोनीपत का सड़क दुर्घटनाओं में तीसरा स्थान है, यहां बीते साल 722 के करीब दुर्घटनाएं हुईं और मरनें वालों की संख्या 345 के करीब थी।

चौथे स्थान पर फरीदाबाद जिला आता है। यहां 600 के करीब हादसों में 220 के करीब लोगों ने जान गंवा दी। पांचवे स्थान पर कुरुक्षेत्र में 550 हादसे हुए जिनमें 235 लोगों की जान गई। छठे स्थान पर पानीपत रहा। यहां 550 हादसों में 290 के करीब लोगों की मौत हुई। सातवां नंबर रेवाड़ी का रहा। 530 हादसों में 261 लोगों की जान गई। झज्जर हादसों में आठवें नंबर पर रहा। 515 के करीब हादसों में यहां 240 से अधिक लोगों की मौत हुई। मेवात 500 हादसों व 225 मौतों के साथ 9वें स्थान पर जबकि अंबाला 480 हादसों व 230 मौतों के साथ 10वें स्थान पर रहा।
 

Rakhi Yadav