कार्यालय की छत से गिरा प्लास्टर, बाल-बाल बचे फूड सेफ्टी ऑफिसर

8/28/2020 10:45:46 AM

फरीदाबाद (सुधीर राघव) : बरसों से बीके अस्पताल के जर्जर प्रतिक्षालय में चल रहे खाद्य सुरक्षा विभाग के डजिगनेटेड ऑफिसर कार्यालय में वीरवार दोपहर को छत और दीवार का प्लास्टर व सीमेंट गिर गई। गनिमत रही कि कार्यालय में बैठें फूड सेफ्टी अधिकारी संदीप चौधरी बाल-बाल बच गए। नहीं तो उन्हें गंभीर चोटें आ सकती थी। 

विभाग के कम्प्यूटर ऑपरेटर मनेन्द्र सिंह ने बताया कि दोपहर के दो बज रहे थे। भोजन का समय था, फूड सेफ्टी ऑफिसर संदीप चौधरी समेत सभी अन्य कर्मचारी अपनी-अपनी सीट पर बैठकर भोजन कर रहे थे। तभी जर्जर हो चुके भवन की दीवार व छत से प्लास्टर व सीमेंट भर भराकर धड़ाम से नीचे आ गिरी। इसके साथ ही पर्दे और उसके हूक भी नीचे गिर गए। हालांकि प्लास्टर व सीमेंट गिरने से चौधरी को चोट नहीं आई लेकिन अब इस भवन में बैठने से भी कर्मचारियों को डर लगने लगा है कि कब छत नीचे गिर जाए। नई बिल्डंग में मुख्यालय संचालित किए जाने के लिए फूड सेफ्टी अधिकारी ने वीरवार को ही सीएमओ डॉ. रणदीप सिंह पुनिया को पत्र लिखकर मांग की है।  

उल्लेखनीय है कि यह भवन 1992 में बीके अस्पताल परिसर में प्रतिक्षालय के नाम से बनाया गया था। जिसे आईएएस संजीव कौशल ने 24 जुलाई 1992 को उद्घाटन किया था। इस 28 साल पुराने भवन की बिल्डिंग पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। पूर्व में सीएमओ कार्यालय भी जर्जर होने से स्थानांतरित कर जर्जर भवन के सामने ही अन्य भवन में चल रहा है। लेकिन फूड सेफ्टी विभाग को कार्यालय आवंटित नहीं होने की वजह से प्रतिक्षालय दे दिया गया था। लेकिन अब इसकी हालत खस्ता है और अधिकारी कर्मचारी यहां बैठने से कतरा रहे हैं।

औद्योगिक शहर फरीदाबाद में बरसों से फूड सेफ्टी कार्यालय चल रहा है। यहां छोटे बडे करी 5000 से अधिक खाद्य सामग्री बेचने वाले उपभोक्ता हैं। यहां तक की कई मिलें भी हैं जहां नमकीन, सोस, तेल, देसी घी, आईस्क्रीम फैक्ट्री आदि संचालित हैं। इन सभी प्रकार के संस्थानों से फूड सेफ्टी विभाग के माध्यम से राज्य सरकार को करोड़ों की आए होती है। इनके लाइसेंस बनाने, रजिस्ट्रेशन और वैरीफिकेशन संबंधित कार्य के अलावा खाद्य सामग्री की सैम्पलिंग एवं संकलन इसी कार्यालय से होता है। लेकिन राज्य के फूड सेफ्टी आयुक्त जिले के इतने महत्वपूर्ण विभाग को एक नवनिर्मित भवन नहीं दे सके हैं। मजबूरन अधिकारियों को जर्जर भवन में काम करना पड़ रहा है। 

Manisha rana