गुरुग्राम में प्लॉट आबंटन घोटाला : दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश

punjabkesari.in Sunday, Apr 25, 2021 - 04:50 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुड्डा) में प्लाट आबंटन में फर्ज़ीवाड़े कर सरकार को 88.64 लाख रुपए का चूना लगाने के घपले की विजिलेंस जांच में हुडा के तत्कालीन मुख्य प्रशासक ,प्रशासक,जिला न्यायवादी,एस्टेट ऑफिसर गुरुग्राम सहित 2 अन्य दोषी पाए गए हैं । विजिलेंस ब्यूरो के जांच अधिकारी एवं पुलिस महानिरीक्षक सुभाष यादव ने डीजीपी को भेजी अपनी जांच रिपोर्ट में सभी के विरुद्ध अपराधिक मुक़दम्मा दर्ज करने की सिफारिश की है ।

ये है मामला
9 जून 1985 को निकले ड्रा में शकुंतला देवी पत्नी ईश्वर चंद मनचंदा का गुरुग्राम के हुड्डा सेक्टर 21 में 14 मरले का प्लाट नम्बर कि138 निकला था ।इस प्लाट पर कानूनी अड़चन होने पर हुडा विभाग ने इस प्लॉट के बदले अलॉटी को सेक्टर 5 में प्लॉट नम्बर 902  रकबा 286 वर्गमीटर कुल कीमत 6,12,008 रुपये में अलॉट कर दिया था और माह दिसम्बर 2000 में प्लॉट को कब्ज़ा भी अलॉटी को दे दिया ।लेकिन सेक्टर 5 में प्लॉट की कीमत ज़्यादा आकर्षक नहीं थी ।अलॉटी शकुंतला देवी ने इस प्लॉट को आगे सुरेंद्र सैनी पुत्र कन्हैया लाल वासी गुरुग्राम को 10 लाख रुपये के बदले मौखिक तौर पर बेच कर सभी कागज़ात  सुरेंद्र सैनी को दे दिए ।सुरेंद्र सैनी ने मूल अलॉटी शकुंतला देवी के फ़र्ज़ी हस्ताक्षर करके प्रशासक हुडा गुरुग्राम को लिखित आवेदन देकर प्लॉट बदलने की मांग करते हुए कहा कि यह प्लॉट शेरमुखी है, जोकि रिहायश के लिए अशुभ है ।

इसके बाद शकुंतला देवी पत्नी सुशील मनचंदा(जबकिं सुशील मनचंदा शकुंतला देवी का बेटा है) के फ़र्ज़ी हस्ताक्षर वकालतनामा पर करके उपभोक्ता कोर्ट गुरुग्राम में भी केस दायर करवा दिया ।उपभोक्ता कोर्ट ने 10 मई 2002 को अंतरिम आदेश पारित करते हुए हुडा विभाग को सेक्टर 43 में 14 मरले का एक प्लॉट आरक्षित रखने के निर्देश कर दिए ।इस फैसले के विरुद्ध हुडा विभाग द्वारा राज्य उपभोक्ता कोर्ट में चुनौती दी गई तो जिला उपभोक्ता कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया गया ।हाई कोर्ट के आदेश उपरांत 24सितंबर2018 को हुडा के तत्कालीन मुख्य प्रशासक जे गणेशन ने शकुंतला देवी की ओर से पेश अपील को रद्द कर दिया ।इसके बाद अलॉटी शकुंतला देवी के नाम से फ़र्ज़ी पुनर्विचार याचिका प्रशासक हुडा गुरुग्राम व नगर योजना विभाग के प्रधान सचिव ए के सिंह को 16नवम्बर2018 को लगाई गई ।


दिनांक 11जून 2019 को अलॉटी के नाम से मुख्य प्रशासक हुडा के अंतर्गत डिपार्टमेंटल लिटिगेशन कमेटी को एक प्रतिवेदन दिया गया ।इस पर तत्कालीन मुख्य प्रशासक डॉक्टर डी. सुरेश,प्रशासक पंचकूला  गिरीश अरोड़ा,जिला न्यायवादी अनिल अग्रवाल की तीन सदस्यीय कमेटी ने  प्रलोभनवश  20जून 2019 को हुडा नियमों,कानूनों की उलंघ्ना करके अलॉटी शकुंतला देवी के हक में गलत निर्णय किया ।इसी तरह तत्कालीन सम्पदा अधिकारी मुकेश कुमार सोलंकी  ने भी जानबूझकर व प्रलोभनवश गलत कार्य करके अलॉटी को सेक्टर 5 में आबंटित प्लाट नम्बर 917 के बदले सेक्टर 27 में प्लाट नम्बर 535 दिलवाने में अहम भूमिका निभाई ।सेक्टर 5 में 342वर्गमीटर के आबंटित प्लाट नम्बर 917 की वर्तमान कीमत 65000/-प्रति वर्गमीटर की दर से 1,85,86,503 है ।जबकि बदले में सेक्टर 27 गुरुग्राम  में दिए प्लॉट नम्बर 535 की वर्तमान कीमत 96000/-प्रति वर्गमीटर की दर से 2,74,50,850/- रुपये है ।इस तरह फर्ज़ीवाड़े से सरकार को कुल 88,64,332/-रुपये की वितीय हानि पहुंचाई गई ।

राज्य चौकसी ब्यूरो गुरुग्राम के पुलिस महानिरीक्षक सुभाष यादव ने डीजीपी विजिलेंस को  गत 20अप्रैल को भेजी अपनी जांच रिपोर्ट में तत्कालीन मुख्य प्रशासक हुडा वर्तमान आयुक्त रोहतक मंडल डॉक्टर डी सुरेश,तत्कालीन प्रशासक हुडा पंचकूला गिरीश कुमार ,अनिल अग्रवाल तत्कालीन जिला न्यायवादी,मुकेश सोलंकी तत्कालीन एस्टेट ऑफिसर हुडा गुरुग्राम व गुरुग्राम वासी सुरेंद्र कुमार व बलवंत राय डोगरा के विरुद्ध  भ.द.स. की धारा 109,409,420,467,471 व भृष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मुक़द्दम्मा दर्ज करने की सिफारिश की है ।

 


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Content Writer

Isha

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