पीएम 2.5 की मात्रा 450 से घटकर पहुंची 369 तक, हवा में सुधार मगर, प्रदूषण बरकरार

11/17/2019 11:44:53 AM

फरीदाबाद (कुलवीर चौहान): हवा में सुधार के बावजूद भी फरीदाबाद शहर अपना प्रदूषित होने का कलंक नहीं मिटा पाया। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर में प्रदूषण किस कदर तक फैला हुआ है। पीएम 2.5 की मात्रा शनिवार को 450 से घटकर 369 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर तक पहुंच गई। हालांकि हवा सुधरने के बावजूद डाक्टरों ने सुबह बाहर नहीं निकलने की सलाह दी है। डाक्टरों के अनुसार सुबह की सैर इस समय आपको सेहतमंद करने के बजाय बीमार भी कर सकती है। 

पिछले कई दिनों से निर्माण कार्य बंद और उद्योग धंधों पर पांबदी के कारण धीरे-धीरे हवा में सुधार आ रहा है। हालांकि अभी कई जगहों पर सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही देखने को मिल रही है। निगम के सफाई कर्मचारी बिना छिड़काव किए ही झाडू लगा रहे हैं। जिससे धूल के बारीक कण में हवा में मिलकर प्रदूषण फैलाने का काम कर रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अनुसार पीएम 2.5 के अलावा भी कई ऐसे बारीक कण होते हैं जो हवा में मिलकर हमारे स्वास्थ्य को काफी अधिक नुकसान पहुंचाते हैं, लेकिन लोग पीएम 2.5 की मात्रा को ही खतरनाक मानते है। प्रदूषण के मामले में पहले नंबर पर कानपुर और दूसरे स्थान पर पड़ोसी जिला गुडग़ांव रहा। 

नगर निगम की सख्ती के बावजूद शहर में कूड़ा जलने पर लगाम नहीं लग पा रही है। रात को अलग-अलग जगहों पर कबाड़ी कूड़ा जलाने का काम कर रहे है। अभी तक नगर निगम कूड़ा जलाने पर 200 से अधिक चालान की कार्रवाई कर चुका है। लेकिन कबाड़ी जुर्माना भरने के बाद दोबारा से कूड़ा जलाने लग जाते हैं। ऐसे में निगम को जुर्माने की राशि बढ़ाने के साथ एफआईआर भी दर्ज करानी होगी। ताकि कूड़ा जलाने को लेकर रोक लगाई जा सके। 

अंाख और सांस के मरीजों में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी : बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने, खांसी और आंखों में जलन की शिकायत थी और अस्पतालों में मरीजों की संख्या में 25 प्रतिशत तक बढ़ोतरी देखी गई थी। अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों का कहना है कि प्रदूषण के कारण उनकी आंखों में लगातार जलन हो रही है। जाकि पहले नहीं थी। वहीं थोड़ा सा भागने पर भी सांस फूल जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बढ़ते प्रदूषण से लोगों के भीतर आक्सीजन की कमी आ रही है। 

Isha