विदेशी नागरिकों से ठगी करने वाले कॉल सेंटर का भंडाफोड़ -कॉल सेंटर संचालक व 3 महिलाओं सहित 14 गिरफ्तार

6/8/2023 11:51:17 PM

गुडग़ांव, (ब्यूरो): साईबर क्राईम थाना ईस्ट पुलिस ने यूएसए/विदेशी नागरिकों से ठगी करने वाले कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मौके से कॉल सेंटर संचालक, तीन महिला सहित कुल 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी कस्टमर सर्विस के नाम पर विदेशी लोगों से ठगी करते, इसके बाद टोल फ्री नंबर ही बदल देते। ये एक कॉलर के साथ 100 डॉलर से 500 डॉलर की ठगी करते और पेमेंट को गिफ्ट कार्ड के तहत लेते। पुलिस ने मौके से 14 लैपटॉप व 5 मोबाइल बरामद कर आरोपियों को अदालत में पेश कर रिमांड पर लेगी।

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दरअसल, साईबर क्राईम थाना ईस्ट के प्रभारी इंस्पेक्टर जसवीर की टीम को सूचना मिली कि सेक्टर-49 स्थित यूनिवर्सल ट्रेड टॉवर में फर्जी तरीके कॉल सेंटर चलाकर विदेशी नागरिकों से कस्मर सर्विस के नाम पर ठगी की जा रही है। जिस पर एसीपी साइबर क्राईम विपिन अहलावत की अगुवाई में टीम गठित कर मौके पर रेड मारी गई। रेड के दौरान पुलिस ने पाया कि कॉल सेंटर को फर्जी/अवैध तरीके से संचालित किया जा रहा है और विदेशी नागरिकों को तकनीकी सहायता देने के नाम पर ठगा जा रहा है। पुलिस ने कॉल सेंटर के संचालक सहित 14 आरोपियों को काबू कर लिया। आरोपियों के खिलाफ थाना साईबर क्राईम ईस्ट में केस दर्ज किया गया।

 

 

पुलिस ने मामले में कॉल सेंटर संचालक आदित्य सिंह, अंकित चड्डा, आकाश सेन, सूरज मिश्रा, आयुष सक्सेना, हेमंत शर्मा, संजीव शुक्ला, अजय कुमार, आशुतोष शर्मा, पंकज कुमार, तुषार कुमार तथा आरोपी महिला राजदीपा दास गुप्ता उर्फ जेनी, देविका पुरानदे व मनीषा को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों से 14 लैपटॉप व 5 मोबाइल बरामद किए हैं। पुलिस आरोपियों को अदालत में पेश कर रिमांड पर लेगी।

 

कॉल सेंटर संचालक आदित्य सिंह ने पुलिस को बताया कि वह 13 कर्मचारियों के साथ मिलकर यह काल सेंटर चला रहा था। सभी को कस्टमर सर्विस के लिए सेलरी/कमीशन पर रखा हुआ है। वह और इसके सभी साथी आरोपी रियल पीबीएक्स डॉयलर के माध्यम से टोल फ्री नंबर पर आने वाली कॉल को सुनते हैं और विभिन्न तरीकों से यूएसए/विदेशी नागरिकों के पास अमेजॉन, पेपल, जेल्ले व कैश ऐप्प इत्यादि का ऑर्डर लेने के बाद ऑर्डर कैंसिल करने की बातें कहकर उनके लिए समस्या उत्पन्न करते। इसके बाद उसी समस्या को दूर करने के नाम पर उनके साथ ठगी करते। ये ठगी करने के बाद टोल फ्री नंबर को भी बदल देते थे।

 

कॉल सेंटर के संचालक ने पुलिस को बताया कि कस्टमर जब टोल फ्री नंबर पर कॉल करता तो वह कॉल इनके पास वेंडर के माध्यम से कनैक्ट होती थी। कस्टमर इन्हें अपनी परेशानी बताते तो ये उनकी परेशानी का समाधान करने के लिए पहले उन्हें अपने विश्वास में लेते और उसकी समस्या दूर करने के नाम पर एनिडेस्क, टीम विवर, अल्ट्रा विवर आदि एप्लिकेशन को माध्यम उसके सिस्टम का रिमोट एक्सेस प्राप्त कर लेते और उन्हें वास्तविक बात ना बताकर उन्हें अन्य समस्याओं के बारे में बताते, जिनमें निजी जानकारी का रिस्क, हैकर द्वारा अकाउंट हैक करना, डिवाइस असुरक्षित, फाइनेंसियल इनफार्मेशन लीक व चाईल्ड पोर्नोग्राफी आदि के बारे में बताते। फिर उस समस्या को दूर करने के नाम पर कॉलर से 100-500 डॉलर की ठगी कर लेते। कस्टमर से पेमेंट गिफ्ट कार्ड व सीडीएम के माध्यम से अपने बैंक के खाते में लेते थे।

 

Content Writer

Pawan Kumar Sethi