कंपनी के कर्मचारियों से लेकर किराए पर रहने वालों का गुड़गांव पुलिस रखेगी रिकॉर्ड
punjabkesari.in Thursday, Nov 13, 2025 - 11:16 PM (IST)
गुड़गांव, (ब्यूरो): दिल्ली में हुए आत्मघाती हमले के बाद अब गुड़गांव पुलिस अलर्ट मोड पर है। किसी भी अप्रिय घटना से बचाने के लिए गुड़गांव पुलिस ने एक योजना तैयार की है। इसके तहत प्रत्येक कंपनी और फैक्ट्री में कार्य करने वाले कर्मचारी का डेटाबेस तैयार किया जाएगा। इतना ही नहीं गुड़गांव में दूसरे जिलों व राज्यों सहित विदेशों से आकर रहने वाले लोगों का भी डाटाबेस तैयार किया जाएगा ताकि व्यापक स्तर पर सुरक्षा योजना पर कार्य किया जा सके। डाटा कलेक्शन के लिए पुलिस ने कार्य शुरू कर दिया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य शहर में मौजूद प्रत्येक बाहरी व्यक्ति का व्यवस्थित सत्यापन करना और खुफिया जानकारी एकत्र करने की क्षमता को अभूतपूर्व स्तर पर मजबूत करना है।
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आपको बता दें कि विश्व में पहचान बना चुके गुड़गांव में विभिन्न जिलों, राज्यों से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग यहां रहते हैं। ऐसे में यहां जोखिम सबसे अधिक है। इस जोखिम को खत्म करने के लिए ही पुलिस ने एक विस्तृत डाटा बेस तैयार करने की बीड़ा उठाया है। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अब दूसरे राज्यों और शहरों से आकर यहां काम करने वाले सभी लोगों का अनिवार्य और व्यवस्थित सत्यापन किया जाएगा। इस डेटाबेस में न केवल पारंपरिक किराएदारों को शामिल किया जाएगा, बल्कि शहर की रोज़मर्रा की व्यवस्था से जुड़े लाखों कामगारों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इनमें पीजी आवासों और किराए के मकानों में रहने वाले लोग, सभी स्पा सेंटर, क्लीनिक और अस्पतालों के कर्मचारी, ई-कॉमर्स कंपनियों के डिलीवरी बॉय और शहर में सक्रिय हज़ारों कैब टैक्सी चालक शामिल हैं।
डीसीपी हेडक्वार्टर अर्पित जैन के मुताबिक, इस प्रक्रिया को गति देने के लिए ई-कॉमर्स, परिवहन और सर्विस प्रोवाइडर क्षेत्रों की सभी प्रमुख कंपनियों और एजेंसियों से औपचारिक संपर्क साधना शुरू कर दिया है। कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने सभी कर्मचारियों की पहचान, स्थायी पता और पृष्ठभूमि की विस्तृत जानकारी तत्काल पुलिस को उपलब्ध कराएं। इससे गुड़गांव में रह रहे संदिग्धों को पहचानने में सहायता मिलेगी।
सत्यापन अभियान के साथ-साथ गुड़गांव पुलिस ने जमीनी स्तर पर भी अपनी उपस्थिति मजबूत करने की तैयारी कर ली है। खुफिया इनपुट के आधार पर शहर के उन संवेदनशील इलाकों की पहचान की जा रही है, जहां बड़ी संख्या में अप्रवासी और असत्यापित लोग निवास करते हैं। इन चिन्हित क्षेत्रों में पुलिस जल्द ही व्यापक कॉम्बिंग ऑपरेशन (तलाशी अभियान) शुरू करेगी। इन ऑपरेशन के दौरान हर मकान और हर नागरिक का दस्तावेज़ सत्यापन किया जाएगा।
पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि या बिना सत्यापन के पाए गए व्यक्ति पर राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक शांति के तहत तत्काल और सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्लयूए) और मार्केट एसोसिएशन को भी अपने क्षेत्रों में किरायेदारों के सत्यापन को अनिवार्य बनाने के निर्देश दिए गए हैं। डीसीपी ने बताया कि पुलिस अपने खुफिया तंत्र को मजबूत करने के लिए दोहरी रणनीति पर काम कर रही है। पहला शहर में लगे अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरों के नेटवर्क पर 24 घंटे निगरानी बढ़ाई गई है। इसके लिए विशेष तकनीकी सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है जो भीड़भाड़, संदिग्ध वस्तुओं या असामान्य पैटर्न की पहचान करने में मदद करता है।
इसके अलावा मानवीय खुफिया जानकारी जुटाने के लिए विशेष टीमों को जमीनी स्तर पर सक्रिय किया गया है। इन टीमों को स्थानीय मुखबिरों और सामुदायिक पुलिसिंग के माध्यम से सूचनाएं एकत्रित करने का काम सौंपा गया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी खुद इन सभी खुफिया जानकारियों की पुख्ता तरीके से जांच और क्रॉस-सत्यापन कर रहे हैं। इस व्यापक और समन्वित प्रयास का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि गुड़गांव किसी भी असामाजिक तत्व के लिए एक अभेद किला बन जाए, जिससे साइबर सिटी के नागरिकों की सुरक्षा और शांति बनी रहे।