रिक्शा और साइकिल पर हजारों किमी सफर तय कर यूपी बॉर्डर पहुंचे प्रवासी मजदूर, निर्दयी पुलिस ने खदेड़ा

5/19/2020 3:39:40 PM

साेनीपत (पवन राठी): जिस नेशनल हाईवे 1 पर एक समय सरपट दौड़ते वाहन दिखाई देते थे, अब वहां की तस्वीरें कुछ और ही बयां कर रही हैं। साेनीपत में कई हजार किलोमीटर रिक्शा और साइकिल पर बैठाकर अपने परिवार को लेकर पहुंचे प्रवासी मजदूरों की दास्तां रुला देगी। जम्मू-कश्मीर व पंजाब के लुधियाना से पैदल, रिक्शा व साइकिल पर कुछ परिवार लगभग 10 दिन पहले कई हजार किलोमीटर का सफर तय कर सोनीपत पहुंचे, लेकिन यहां से उत्तर प्रदेश सीमा में प्रवेश करने से पहले यूपी पुलिस ने डंडा मार कर भगा दिया।



प्रवासी मजदूराें काे अपने राज्य में ही प्रवेश नहीं मिल पाया। इन प्रवासी मजदूरों के पास खाने के लिए कुछ भी नहीं बचा था, परिवार में छोटे छोटे बच्चे है। तपती धूप में मां अपने बच्चाें काे गाेद में लिए यहां तक पहुंची, वहीं पिता के पैराें में छाले पड़ चुके हैं। वहीं दूसरी तस्वीरें उस परिवार की है जोकि लुधियाना से चला था और आपने परिवार के साथ उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के लिए निकला था। ना तो इनके पास पैसा और ना ही खाना हैं। रास्ते में लंगर मिलता है तो खा लेते है, नही तो भूखे ही रहते हैं।

घर पहुंचने के बाद वापस नही आएंगे
लुधियाना से उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के लिए निकले राममिलन की आंखों के आंसू तो सुख ही चुके हैं। उन्हाेंने कहा कि एक बार अपने घर चले जाएं, उसके बाद वापस नही आएंगे। परिवार के साथ भूखे मर जाएंगे, लेकिन उल्टे नहीं लौटेंगे। राममिलन के परिवार में 5 सदस्य है, दो भाई है। वह बारी बारी रिक्शा चला रहे है। ताकि घर पहुंच जाएं।



पैराें में पड़ चुके हैं छाले
जम्मू कश्मीर से 10 दिन पहले मोहमद इमरान आपने साथियों के साथ चला था। उसके साथ पत्नी व 2 साल की बेटी भी है। पंजाब एक गुरुद्वारा में किसी ने साइकिल दे दी, तो वह उत्तर प्रदेश के लखनऊ के लिए चल पड़ें, लेकिन अब उत्तर प्रदेश की पुलिस इन्हें इनके ही घर जाने से रोक रही है। पैरो में छाले पड़ चुके है और आंखों में आंसू हैं।

पुलिस ने खदेड़ा 
इमरान ने कहा कि जम्मू कश्मीर से यहां पहुंचे तो पुलिस ने खदेड़ दिया। उन्हाेंने कहा कि हम अपने घर जाएंगे, चाहे हमें मरना पड़े। सरकार ने हमारे लिए कुछ भी नहीं किया। रोते हुए इमरान ने बताया कि पैरो में चप्पल भी नहीं है छाले भी पड़ चुके है। एक बार यहां से चले जाएं, वापस नही आएंगे। चाहे मरना पड़ जाए, भूखे रह लेंगे।

Edited By

vinod kumar