आंदोलन में मिले संदिग्ध को पुलिस ने दी क्लीन चिट, कहा- युवक ने दबाव में बोली सारी बातें

1/24/2021 11:42:01 AM

सोनीपत: एक दिन पहले किसानों ने प्रैसवार्ता कर जिस संदिग्ध युवक के बारे में सनसनीखेज खुलासा कर युवक को मीडिया के सामने पेश किया था, उस युवक को पुलिस ने प्राथमिक जांच के बाद क्लीन चिट दे दी है। पुलिस का कहना है कि ऐसा लगता है कि युवक ने सारी बातें दबाव में बोली हैं, क्योंकि युवक की पीठ पर पिटाई के निशान हैं और उसका मैडीकल करवाया गया है। वहीं पुलिस ने इससे पहले युवक के माता-पिता व अन्य परिजनों को हिरासत में ले लिया था।  बता दें कि शुक्रवार देर रात को अचानक पत्रकारवार्ता कर किसान नेता राकेश टिकैत व दलेवाल एवं अन्य ने बताया था कि उन्होंने योगेश नामक एक युवक को काबू किया है, जो किसान आंदोलन में हिंसा फैलाने का षड्यंत्र रच रहा था। युवक ने खुद भी मीडिया के सामने बताया था कि उनकी टीम 26 जनवरी के दिन दिल्ली में एंट्री के समय पुलिस द्वारा रोके जाने पर फायरिंग  करवाने वाली थी, जबकि 4 किसान नेताओं पर गोली चलाने वाली थी।

युवक ने यह भी कहा था कि जाट आरक्षण आंदोलन के समय भी वे लोग हिंसा में शामिल थे। किसानों ने युवक को पकड़कर कुंडली थाना पुलिस के हवाले कर दिया था। शनिवार रात करीब 8 बजे एस.पी. जश्नदीप रंधावा ने खुलासा किया कि उन्होंने मामले की जांच के लिए डी.एस.पी. विपिन, एस.एच.ओ. रवि व सी.आई.ए. प्रभारी रविंद्र की टीम गठित की थी, जिसने जांच के बाद पाया कि युवक का ऐसा कोई इरादा नहीं था। युवक ने पुलिस को बताया कि उसने दबाव में ये सारे बयान दिए हैं। साथ ही युवक की पीठ पर पिटाई के निशान भी हैं, जिसके कारण उसका मैडीकल करवाया गया है। यह भी खुलासा हुआ है कि युवक पहले कुंडली में नौकरी करता था। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। इधर, पूरा दिन कई तरह के बयान सामने आए। युवक की एक वीडियो भी वायरल हुई, जिसमें वह कह रहा है कि उससे दबाव में बयान दिलवाए गए, जबकि वह इस तरह के किसी मामले में शामिल नहीं रहा है। 
 
‘गिरफ्तार महिला के साथ नहीं हुआ कोई यौनाचार’
एस.पी. ने एक दूसरे मामले में बताया कि एक फैक्टरी के बाहर हंगामा कर रहे युवकों ने पुलिस टीम पर हमला किया था। इस मामले में एक युवक व युवती को गिरफ्तार किया गया था। युवती को गिरफ्तारी के दिन ही मैडीकल करवाकर जेल भेज दिया गया था। ऐसे में उसके साथ पुलिस कस्टडी में यौनाचार का कोई सवाल ही नहीं है। यह आरोप बिल्कुल निराधार है। 

Isha