खाकी एक बार फिर हुई दागदार, रिश्वत के आरोप में 2 पुलिस कर्मी गिरफ्तार

3/29/2023 4:37:41 PM

यमुनानगर(सुमित ओबराय) : जिले में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ दिन पहले ही एंटी करप्शन ब्युरो टीम ने रिश्वत के मामले में तीन पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की थी। वहीं जिले में रिश्वत के मामले में खाकी एकबार फिर से दागदार हो गई है। ताजा मामले में गांधी नगर थाने के एसएचओ सुभाष और जांच अधिकारी संजीव को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जानकारी के अनुसार एक मुकदमे में धारा बदलने और शिकायतकर्ता के पिता का नाम निकालने की एवज में आरोपी पुलिस अधिकारियों ने ₹2 लाख की रिश्वत ली थी।

एएसपी जसलीन कौर व डीएसपी राजीव की टीम ने आरोपियों को किया गिरफ्तार

बता दें कि शिकायतकर्ता चांदपुर निवासी आशिक अली ने मारपीट व स्नैचिंग के केस से नाम हटाने व धारा कम करने के लिए आरोपी पुलिस अधिकारियों को ₹2 लाख नगद रिश्वत दी थी।शिकायकर्ता का आरोप है कि पैसे लेने के बाद भी उनके पिता का नाम केस से नहीं निकाला गया। जिसके बाद पीड़ित ने थाना प्रभारी व जांच अधिकारी से बातचीत की रिकॉर्डिंग व अन्य सुबूतों के साथ एसपी मोहित हांडा से शिकायत की। इसके बाद मामले की जांच कराई गई। प्रथमिक जांच में आरोपों की पुष्टि के बाद सोमवार देर रात एएसपी जसलीन कौर व डीएसपी राजीव की टीम ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं मामले में पीड़ित आशिक अली की शिकायत पर शहर यमुनानगर थाने में केस दर्ज किया गया है।

एक लाख रुपये डीएसपी हेडक्वार्टर को देने होंगेः आरोपी पुलिस अधिकारी

पुलिस को दी शिकायत में पीड़ित आशिक ने बताया कि उसके भाई व पिता आरिफ के खिलाफ 30 अगस्त को मारपीट, स्नैचिंग व धमकी देने का मामला गांधीनगर थाने में दर्ज हुआ था। आशिक का आरोप है कि उनके खिलाफ बिना तफ्तीश किए झूठा मुकदमा दर्ज किया गया था। इस केस में आशिक को अग्रिम जमानत हाई कोर्ट से मिल गई थी। जबकि उसके पिता की जमानत जगाधरी में सेशन जज शालिनी नागपाल की कोर्ट से हुई थी। 25 नवंबर को वह जांच अधिकारी संजीव कुमार से मिला और केस की सही तफ्तीश करने का अनुरोध किया। जिस पर जांच अधिकारी ने आशिक से कहा कि उसके पिता आरिफ का नाम केस निकाल दिया जाएगा। 379 बी धारा की जगह 379 कर दी जाएगी। इसके लिए जांच अधिकारी ने थाना प्रभारी सुभाष चंद्र से मिलवाया। जांच अधिकारी व थाना प्रभारी ने 2 लाख रुपये की मांग की। उन्होंने कहा कि एक लाख रुपये डीएसपी हेडक्वार्टर को देने होंगे और एक लाख रुपये वह खुद रखेंगे। जिसको लेकर आशिक ने 2 दिसंबर को उन्हें दो लाख रुपये दे दिए।

पैसे वापस मांगने पर आरोपियों ने दी पीड़ित को धमकी

पीड़ित ने बताया कि काम न होने के बाद मैंने जब थाना प्रभारी व जांच अधिकारी से पैसे वापस मांगे तो उन्होंने पैसे वापस नहीं किए, साथ ही उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि वह खुद पुलिस अधिकारी हैं। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकती। यमुनानगर में लगातार खाकी भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर रही है। जहां एंटी करप्शन ब्यूरो ने कार्रवाई करते हुए साडोरा थाना प्रभारी, छछरौली थाने के ड्राइवर और खेड़ी लक्खा सिंह चौकी इंचार्ज को गिरफ्तार किया था तो वहीं अब एसपी यमुनानगर  ने एक्शन लेते हुए इन अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की है।

 

 

 

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Mohammad Kumail