विधानसभा चुनाव से पहले सियासी सरगर्मियां तेज, हो सकता है इन 2 पार्टियों का गठबंधन!

9/10/2019 10:32:55 AM

चंडीगढ़(बंसल): राजनीति में कब क्या हो जाए, कुछ भी कह पाना मुनासिब नहीं। सोमवार को दिनभर सोशल मीडिया पर यह खबरें वायरल होती रहीं कि जल्द ही कांग्रेस व बसपा के बीच गठबंधन होने जा रहा है,केवल सीटों के बंटवारे पर बात अटकी है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कु.शैलजा की बसपा नेताओं से मुलाकातें हो चुकी हैं और यहां तक कहा गया कि कु. शैलजा की बीते दिवस बसपा सुप्रीमो मायावती से भी मुलाकात हो चुकी है। दूसरी ओर, दोनों दलों के नेताओं ने ऐसी खबरों को निराधार बताते हुए किसी भी तरह की मुलाकात व गठबंधन की बात को नकार दिया। 

कहा जा रहा है कि पहले बसपा की राज्य इकाई सीटों को चिन्हित करके कांग्रेस से बात करेगी और फिर पार्टी हाईकमान को ग्रीन सिग्नल देगी। उसके बाद मायावती कांग्रेस नेताओं से मुलाकात करेंगी,जबकि बसपा प्रदेशाध्यक्ष प्रकाश भारती ने कहा कि जजपा से गठबंधन टूटने के बाद ही पार्टी ने स्पष्ट कर दिया था कि बसपा प्रदेश में सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और इसके लिए बसपा ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।  उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले ऐसी चर्चाएं चलती रहती हैं, जिनका कोई आधार नहीं होता। कांग्रेस विधायक दल के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि गठबंधन को लेकर किसी भी स्तर पर कोई मुलाकात या बातचीत नहीं हुई है। दूसरी ओर, कांग्रेस प्रभारी गुलाम नबी आजाद भी ऐसी मुलाकात की बात को नकार चुके हैं। 

रूठों को मनाने में जुटे हुड्डा 
कांग्रेस विधायक दल के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा रूठे नेताओं को मनाने में जुट गए हैं। इसी कड़ी में वह कांग्रेस विधायक किरण चौधरी से मिलने उनके निवास पर गए। दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई, यह तो पता नहीं लेकिन मुलाकात के बाद हुड्डा ने कहा कि किरण चौधरी से हमारा सामाजिक व राजनीतिक रिश्ता है, पार्टी की वरिष्ठ नेता हैं और शिष्टाचार के नाते मुलाकात होती रहती है। यहां बता दें कि किरण चौधरी की जगह हुड्डा को कांग्रेस विधायक दल के नेता का पद मिला है और 2 दिन पहले कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कु. शैलजा के ताजपोशी समारोह में किरण चौधरी नहीं पहुंची थीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में गुटबाजी का कोई मतलब नहीं है। सभी नेता मिलकर चुनाव लडेंग़े। 

कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं अशोक अरोड़ा 
इनैलो नेता अशोक अरोड़ा कभी भी कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं, क्योंकि कांग्रेस विधायक दल के नेता हुड्डा से उनके मधुर संबंध किसी से छिपे नहीं हैं। हालांकि पहले यह चर्चा भी चली कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं लेकिन यह चर्चा निर्मूल साबित हुई थी। अरोड़ा लंबे समय तक इनैलो प्रदेशाध्यक्ष रहे हैं तथा पंजाबी समाज के प्रतिष्ठित नेताओं में उनकी गिनती होती है।

Isha