उपचुनाव के नतीजों से सबक लेकर लोकसभा व विधानसभा चुनाव में उतरेंगे राजनीतिक दल

1/17/2019 11:40:03 AM

चंडीगढ़ (बंसल): हरियाणा के जाटलैंड जींद का उपचुनाव लगातार कांटे का होता जा रहा है। इस उपचुनाव पर पूरे प्रदेश की निगाह टिक गई है। जातीय समीकरणों में फंसे इस चुनाव के नतीजे न केवल चौंकाने वाले हो सकते हैं, बल्कि राजनीतिक दलों के लिए लोकसभा और विधानसभा चुनाव की अगली रणनीति भी तय करेंगे। जींद के रण में सभी दलों के प्रत्याशियों की हार-जीत में कंडेला खाप का योगदान अहम रहेगा।

जींद उपचुनाव राजनीतिक दलों के लिए सत्ता का सैमीफाइनल माना जा रहा है। यहां 28 जनवरी को वोट पड़ेंगे और 31 जनवरी को नतीजे आ जाएंगे। जींद उपचुनाव की बिसात बिछने से पहले ही सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी कर ली थी। इनैलो के दिवंगत विधायक डा. हरिचंद मिड्ढा के बेटे कृष्ण मिड्ढा की भाजपा में एंट्री और जननायक जनता पार्टी का जींद में पहले कार्यकत्र्ता सम्मेलन और उसके बाद नई पार्टी का ऐलान सोची-समझी रणनीति का हिस्सा रहा है।

कांग्रेस नेता भले ही जींद के रण के लिए प्रत्याशी की तलाश करने की औपचारिकता निभा रहे थे, मगर रणदीप सुर्जेवाला हैवीवेट के रूप में सामने आए हैं। सुर्जेवाला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रत्याशी हैं। उनकी उम्मीदवारी के बाद कांग्रेस के सभी दिग्गजों की परीक्षा की घड़ी भी आ गई है। सबसे पहले विनोद आश्री को अपनी पार्टी का उम्मीदवार घोषित करने वाले लोकतंत्र रक्षा पार्टी के संयोजक भाजपा सांसद राजकुमार सैनी इस चुनाव में दूसरे दलों का गणित बिगाडऩे का मादा रखते हैं। वह अपनी ही पार्टी भाजपा के लिए कांटे बोने का काम करेंगे।

जींद इनैलो का गढ़ रहा है। इनैलो के दोफाड़ होने के बाद अब इस पार्टी के परम्परागत वोट भी बिखरने के आसार बने हुए हैं। इनैलो नेता अभय सिंह चौटाला ने उम्मेद सिंह रेढू को चुनाव मैदान में उतारा है।

यह चुनाव अभय सिंह चौटाला व जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला की प्रतिष्ठा से भी जुड़ गया है। जींद के रण में ऊंट किस करवट बैठता है, यह तो 31 जनवरी को पता चलेगा लेकिन अपने प्रत्याशियों को जितवाने के लिए सभी दलों के पसीने छूट रहे हैं।

भाजपा की अगर बात करें तो यहां पूरी सरकार पहुंच गई है। मंत्रियों ने जींद में मोर्चा सम्भाल लिया है। जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला और कांग्रेस नेता रणदीप सुर्जेवाला की पूरी टीम भी जींद में प्रचार में जुटी है। विनोद आश्री व उम्मेद सिंह रेढू के कार्यकत्र्ता भी फील्ड में सक्रिय नजर आने लगे हैं।

जींद के रण में कुछ उम्मीदवारों को भितरघात की आशंका भी है। भाजपा के रणनीतिकारों को अपनी पार्टी के उम्मीदवार कृष्ण मिड्ढा के हक में संगठन को मजबूती के साथ खड़ा करना होगा।

Deepak Paul