कोरोना में भी राजनीति यह ठीक नहीं है, मदद का दावा करने वाले नहीं आ रहे नजर

5/7/2021 4:55:23 PM

रेवाड़ी/महेंद्रगढ़ (योगेंद्र सिंह): आपदा में अवसर तलाशते हुए कोरोना काल में राजनेता भी अपना मूल कर्तव्य भूलकर राजनीति करने में लगे हुए हैं। सीएम मनोहरलाल खट्टर ने खुद एवं अपने साथी मंत्रियों को जिलों की जिम्मेदारी देकर वहां के हालात पर नजर रखने एवं समस्याओं को दूर करने की जिम्मेदारी दी। सीएम लगातार भ्रमण के साथ ही मीटिंग ले रहे लेकिन बाकी फोन व प्रेसनोट के माध्यम से अपनी राजनीति चमकाने में लगे हैं। जनता की सेवा करने का संकल्प लेकर चुनाव के समय उनके वोट लेने वाले आज इस महामारी में जनता का कहीं से भी साथ देते नजर नहीं आ रहे। इसको लेकर लोगों में खासी नाराजगी है लेकिन सीएम के प्रयास की वह सराहना करने से भी नहीं चूक रहे।

देश में इस समय कोरोना कहर बरपा रहा है, हॉस्पिटल फुल है और सांस के लिए ऑक्सीजन का इंतजाम करने के लिए लोगों के बीच मारामारी चल रही है। कालाबाजारी अपने चरम पर है और हॉस्पिटल से लेकर सीटी स्केन करने वाले भी अपनी जेब भरने में लगे हैं। प्रवासी पलायन कर अपने घरों की ओर जाने के लिए निकल चुके हैं। प्रदेश की इस हालत पर सीएम मनोहरलाल खट्टर ने प्रदेश के सभी जिलों के लिए अलग-अलग मंत्रियों की जिम्मेदारी तय की। ताकि वह वहां के हालात से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम करें। खुद सीएम भी मैदान में आए और लगातार प्रयास कर रहे हैं। 

दूसरी ओर कई मंत्री, सांसद, विधायक एवं विपक्षी नेता अभी तक मैदान में नजर नहीं आए हैं। हालांकि प्रेसनोट जारी करने में यह अव्वल हैं। सीएम की मीटिंग यह अवश्य वह हाजरी लगाते हैं लेकिन इसके बाद गायब हो जाते हैं। हालात यह है कि सोशल मीडिया और समाचार पत्रों में प्रेसनोट जारी कर यह अपनी पीठ थपथपाने में जरा भी पीछे नहीं है। एक मंत्री ने तो वीरवार को प्रेसनोट कर बताया कि उन्होंने फोन पर अधिकारियों से चर्चा की और बेहतर इंतजाम करने को कहा। इससे तो लगता है कि मंत्री जी या तो खुद कोरोना से भयभित हैं या फिर उन्हें वोट देने वाले अपने वोटर की जरा भी चिंता नहीं है।

इसी के चलते खानापूर्ति करते हुए वह प्रेसनोट व फोन के माध्यम से खानापूर्ति करने में लगे हैं।  यह अकेले मंत्रियों की स्थिति नहीं है, बाकी दल के नेता भी इसी प्रकार से एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर राजनीति चमकाने में लगे हैं। जबकि इस समय लोगों के बीच जाकर उनकी मदद करने का समय है। 

अधिकारियों को भी दिशा-निर्देश तभी दे पाएंगे जब उन्हें हकीकत पता होगी। मीटिंगों में अधिक समय खराब करने के बजाए सभी को एकजुटता का परिचय देकर शहर-गांव का दौरा कर स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने के अलावा आवाजाही एवं खाने-पीने का इंतजाम करना चाहिए। सीएम की मेहनत पर मंत्री जहां पानी फेर रहे वहीं विपक्ष को उनके ऊपर निशाना साधने का अवसर मिल गया।

पब्लिसिटी स्टंट में कोई भी पीछे नहीं
कुछ राजनीतिक दलों ने कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए अपने कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी और उनके मोबाइल नंबर भी सार्वजनिक किए। पंजाब केसरी के पास ऐसे अनेकों लोगों के फोन आए कि इन मोबाइल नंबर पर फोन करने पर उन्हें सरकारी अस्पताल जाने एवं सीएमओ से बात करने की सलाह मिल रही है। बेड व ऑक्सीजन की समस्या बताने पर सामने वाले कहते उनके पास इस प्रकार का फिलहाल कोई इंतजाम नहीं है।

कई कार्यकर्ता तो कहते कि वह खुद अपने परिवार सदस्यों को बेड, ऑक्सीजन मुहैया नहीं करा पा रहे। जब सरकार से कुछ मदद मिलेगी या अधिकार तो हम सभी की मदद करेंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि इस प्रकार के राजनीतिक स्टंट करने से कुछ फायदा नहीं, जनता सब समझ रही है और आने वाले समय में वह इसका जवाब भी देगी।

यह समय राजनीति नहीं बल्कि काम करने का: गृहमंत्री
गृहमंत्री अनिल विज का कहना है कि यह समय राजनीति का नहीं है। मीटिंगों में समय बर्बाद करने के बजाए फील्ड में रहकर काम करना होगा। सभी को एकजुटता एवं मिलकर इस विपदा का सामना करना चाहिए और जो भी संभव हो वह मदद करना चाहिए। हमें वोट देने वालों को इस समय हमारी जरूरत है, इसके लिए हमें धूप में निकलकर काम करना होगा और उनके जरूरत के लिए स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने के साथ ही उनकी दूसरी समस्याएं भी दूर करनी होगी। इस समय हम प्रदेश की जनता को अकेला नहीं छोड़ सकते। हर वर्ग, संस्था एवं सक्षम लोग व राजनीति से जुड़े सभी लोगों को बिना भेदभाव काम करते हुए कोरोना की जंग जीतने के लिए आगे आना होगा।
 

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Content Writer

Shivam