वोट की राजनीति हुई समाप्त, अब अगले 5 वर्ष तक होगी विकास कार्यों पर चर्चा

10/22/2019 12:53:15 PM

पानीपत (आशु) : जिस चुनाव को लेकर प्रत्याशियों द्वारा शहर की हर गली, सड़कों के चक्कर लगा-लगाकर वोट करने की अपील की जा रही थी, जिसके लिए हर नेता जनता के हर प्रकार के सवालों के उत्तर तक देने को तैयार था और बस केवल एक मौके की चाह रखकर उनकी उम्मीदों पर भी खरा उतरने को तैयार था। अब वो वोट की राजनीति समाप्त हो चुकी है, क्योंकि शहरवासियों का फैसला मशीनों में बंद हो चुका है कि वो अपने शहर का नेता किसे चुनना पसंद करते है।

अब देखना ये है कि अगले 5 वर्ष तक कुर्सी पर बैठने वाला नेता जनता के विकास कार्यों पर चर्चा किस प्रकार से करता है और शहर में विकास कार्यों की झड़ी पहले से अधिक लगाई जाती है या नहीं। वहीं शहर की जनता अपने मन में एक सवाल भी उत्पन्न किए हुए है कि शहर पानी, सड़क, बिजली से आगे भी बढ़ पाएगा या नहीं?

अहोई के व्रत का दिखाई दिया असर
वहीं बात यदि महिलाओं के  मतदान की हो, तो महिलाएं भी चुनाव में वोट करने के लिए घर से कम निकली। हालांकि हर चुनाव में महिलाओं की भीड़ दोपहर के समय देखने को मिलती है, परंतु सोमवार को अहोई का व्रत होने के कारण वो भीड़ भी कम दिखाई दी, क्योंकि महिलाओं को 4 बजे व्रत की कथा भी करनी थी।

बड़े बुजुर्गों को लेकर पहुंचे परिजन
विधानसभा चुनाव में किसी ने अपनी भागीदारी पूर्णरूप से दिखाई हो या नहीं, परंतु शहर के बुजुर्ग अपनी भागीदारी को चुनाव में दिखाने के लिए केंद्रों पर वोट डालने के लिए पहुंचे। इतना ही नहीं कई बुजुर्ग ऐसे भी थे, जिन्हें चलने-फिरने सहित उठने-बैठने में भी तकलीफ होती है, वो भी परिजनों के साथ नजर आए।

मतदान की शुरूआत युवाओं के साथ
जिले के सभी मतदान केंद्रों पर चुनाव की शुरूआत युवाओं के साथ होते हुए नजर आई, क्योंकि शायद युवाओं को दिनभर अपने कार्यों को देखना था, इसलिए उन्होंने पहले वोट डालकर फ्री होना ही सही समझा। सोमवार का असर भी चुनाव में कुछ कम दिखाई नहीं पड़ा। किसी भी मतदाता को वोट पोल करने में अधिक समय नहीं लगा।

पुलिस की मौजूदगी में शांतिपूर्ण हुए चुनाव
जिले में शांतिपूर्ण विधानसभा चुनाव करवाने को लेकर जिला प्रशासन द्वारा शहर में 2600 कर्मियों को तैनात किया गया था। इतना ही नहीं शहर में 5 कंपनी भी नजर रखे हुए थी। जिसके चलते जिला प्रशासन को शांतिपूर्वक चुनाव करवाने में आसानी रही। इस दौरान कोई भी बड़ी घटना शाम तक शहर वासियों को सुनने को नहीं मिली।

Isha