हरियाणा में चार गुना बढ़ा प्रदूषण, 12 शहरों की हवा सांस लेने लायक भी नहीं

11/14/2023 9:01:53 AM

चंडीगढ़: हरियाणा की हवा में जहरीली हो गई है। सुप्रीम कोर्ट की पाबंदी के बावजूद दिवाली के दिन हुई आतिशबाजी से हरियाणा-दिल्ली व दिल्ली एनसीआर की हवा में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा है। दो दिन पहले हुई बारिश की वजह से वायु गुणवत्ता में काफी सुधार देखने को मिला था। लेकिन रविवार देर रात तक हुई आतिशबाजी में धुआं-धुआं पूरा प्रदेश धुंआ धुंआ हो गया। ग्रीन पटाखे जलाने और वो भी केवल दो घंटे जलाने के आदेश भी इस धुएं में उड़ गए। तेज आवाज वाले और बहुत खतरनाक बम भी छोड़े गए।

चार गुना बढ़ा प्रदूषण

हरियाणा में दिवाली की शाम से लेकर देर रात तक जमकर पटाखे चले। नतीजा यह हुआ कि एक ही दिन में प्रदूषण में रिकॉर्ड चार गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई। जिन शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक दीवाली से एक दिन पहले 100 या इससे कम था, सोमवार को वह गंभीर श्रेणी में पहुंच गया। 12 शहरों का एक्यूआई 300 व छह का 200 से अधिक रहा। वहीं रोहतक की वायु गुणवत्ता काफी नीचे गिर गई है। 383 एक्यूआई के साथ रोहतक प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर हो गया है। दिल्ली का एक्यूआई 358 से भी अधिक रहा। उधर, दिल्ली के कुछ इलाकों में तो एक्यूआई 400 के पार तक चला गया था, जो अत्यधिक गंभीर श्रेणी में आता है।  दिवाली के बाद पैदा हुई वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति ने दिल्ली के साथ ही मुंबई और कोलकाता को दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में पहुंचा दिया।

शाम होते ही धमाकों और धुएं ने बिगाड़े हालात 

दिवाली के दिन शाम 4 बजे तक हरियाण के सभी शहर ग्रीन जोन में थे। शाम ढलते ही हरियाणा के कई शहर धमाकों और धुएं भर गए। जिसके बाद अधिकतर शहर रेड जोन में चले गए। रोहतक में चार बजे एक्यूआई (पीएम 2.5) 92 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था, मगर रात आठ बजते ही 500 पहुंच गया। इसी तरह के हालात कैथल,हिसार, बल्लभगढ़, पानीपत, जींद के थे।

2 दिन में स्थिति हुई बद से बदतर

गौरतलब है कि स्थिति तब है जब सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली सरकार की तरफ से पटाखों पर पाबंदी लगाई गई थी।  पटाखों की वजह से राजधानी की हवा बेहद खराब स्थिति में पहुंच गई है। दिल्ली की एक्यूआई 358 से भी अधिक रहा। हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि महज दो दिन में स्थिति दोबारा बिगड़ने की बड़ी वजह आतिशबाजी रही। राज्य में पटाखे जलाने की अनुमति रात आठ से दस बजे तक थी, मगर अधिकांश शहरों में आतिशबाजी शाम होते ही शुरू हो गई थी, जो देर रात होती रही। इससे रात नौ बजे के बाद ही वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी शुरू हो गई थी।

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Content Editor

Saurabh Pal