पैथोलाॅजी लैब में पोस्ट ग्रेजुएट विशेषज्ञ होना अनिवार्य: SC

12/31/2017 3:20:28 PM

चंडीगढ़(धरणी):सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार अब कोई पैथोलॉजी लैब बिना किसी पैथोलॉजिस्ट को चलाना अपराध होगा। किसी भी लैब में पैथोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट किए विशेषज्ञ का होना जरूरी है। एसोसिएशन ऑफ प्रैक्टिसिंग पाथोलॉजिस्ट्स हरियाणा ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री सहित अन्य संबंधित लोगों को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पत्र भेज दिया है। पत्र में इस फैसले को शीघ्र लागू करवाने की मांग की गई है। अब देखना यह है कि कब तक इस निर्णय को स्वास्थ्य विभाग लागू करवाने में सफल होता है या फिर पुराने तरीके से ही मरीजों की सेहत के साथ खिलवाड़ होता रहेगा।

इससे पूर्व सितम्बर  2017 में चंडीगढ़ हाई कोर्ट ने यह निर्णय दिया था कि पैथ लैब चलाने के लिए एम.बी.बी.एस. का डाक्टर का होना अनिवार्य है, जिसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट में एसोसिएशन द्वारा एक याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दिया है। इस अादेश के बाद किसी भी रिपोर्ट पर डिजिटल साइन नहीं चलेंगे। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से सभी लैब संचालक सकते में है, क्योंकि अधिकतर लैब संचालकों के पास योग्यतापूर्ण विशेषज्ञ नही हैं। निजी अस्पतालों के अतिरिक्त भी न जाने कितनी ऐसी  लैब है जो बिना विशेषज्ञों के ही चल रही हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय को अमल में लाने की जिम्मेवारी प्रत्येक प्रदेश के स्वास्थ्य महा निदेशक की है। 

मरीजों के लिए वरदान होगा निर्णय- डा. गर्ग 
इस संबंध में जब पोस्ट ग्रेजुएशन पैथोलाजिस्ट एवं एसोसिएशन आफ पी.जी. पैथोलाजिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारी डा. रमेश गर्ग से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट  का निर्णय मरीजों के लिए वरदान साबित होगा। उन्होंने बताया कि यदि हरियाणा की बात की जाए तो लगभग 4000 के करीब इस प्रकार की लैब खुली हुई है, जिनके पास कोई पोस्ट ग्रेजुएशन पैथोलाजिस्ट नहीं है।