हरियाणा में 2779 लोगों की 2 या उससे अधिक पत्नियां, PPP डाटा से खुलासा

punjabkesari.in Tuesday, Jul 29, 2025 - 01:02 PM (IST)

चंडीगढ़: हरियाणा में 2779 ऐसे व्यक्ति हैं, जिनकी एकल परिवार में दो या दो से अधिक पत्नियां दर्ज हैं। यह जानकारी परिवार पहचान पत्र (PPP) के डाटा विश्लेषण के दौरान सामने आई है। इन लोगों ने अपनी फैमिली आईडी में पत्नियों के साथ-साथ उनके बच्चों की भी जानकारी दी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2761 व्यक्तियों की दो पत्नियां, 15 लोगों की तीन, जबकि तीन व्यक्तियों की तीन से अधिक पत्नियां दर्ज हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह विवरण लोगों द्वारा स्वयं दर्ज किया गया है, इसलिए इसे सही माना जा रहा है।

फैमिली आईडी से जुड़ी योजनाएं और नियम

हरियाणा सरकार ने राज्य की सभी कल्याणकारी योजनाओं को फैमिली आईडी से जोड़ दिया है। इसके तहत हर व्यक्ति को अपने परिवार पत्नी, बच्चों आदि की पूरी जानकारी दर्ज करनी होती है। फैमिली आईडी के बिना किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल सकता। हालांकि, प्राधिकरण के अनुसार किसी व्यक्ति की पत्नी या बच्चों का औपचारिक सत्यापन नहीं किया जाता, केवल जाति और आय का सत्यापन होता है।

जिलेवार आंकड़े: नूंह में सबसे ज्यादा बहुपत्नी विवाह

डाटा के अनुसार, बहुपत्नी विवाह के सबसे ज्यादा मामले नूंह जिले में दर्ज हुए हैं। यहां 353 लोगों की एकल परिवार में दो पत्नियां हैं। 

अन्य जिलों में यह आंकड़ा इस प्रकार है:

  • फरीदाबाद: 267
  • पलवल: 178
  • करनाल: 171
  • गुरुग्राम: 157
  • हिसार: 152
  • जींद: 146
  • सोनीपत: 134
  • सिरसा: 130
  • पानीपत: 129
  • फतेहाबाद: 104
  • यमुनानगर: 111

अन्य जिलों में यह संख्या 30 से 100 के बीच रही। इसके अलावा 15 लोगों की तीन पत्नियां भी दर्ज हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा मामले फरीदाबाद, भिवानी और करनाल जैसे जिलों से हैं।

'धर्मनिरपेक्ष' है फैमिली आईडी: अधिकारी

परिवार पहचान प्राधिकरण के स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉ. सतीश खोला ने कहा कि फैमिली आईडी एक धर्मनिरपेक्ष पहचान प्रणाली है। इसमें धर्म का कोई कॉलम नहीं है, लेकिन सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए व्यक्ति की जाति का उल्लेख अनिवार्य है और उसका सत्यापन भी होता है। उन्होंने कहा कि पत्नियों और बच्चों की जानकारी के सत्यापन की कोई प्रणाली नहीं है, इसलिए यह जानकारी व्यक्तियों द्वारा दी गई स्व-घोषित जानकारी पर आधारित है।

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Content Editor

Deepak Kumar

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