प्रदीप गिल की इनैलो में घर वापसी: ताऊ देवीलाल की 112वीं जयंती पर रोहतक में बड़ा आयोजन

punjabkesari.in Thursday, Sep 25, 2025 - 10:34 AM (IST)

जींद (अमनदीप पिलानिया): हरियाणा की सियासत में एक बार फिर हलचल मचने वाली है। कांग्रेस के पूर्व नेता और जींद विधानसभा से निर्दलीय उम्मीदवार रह चुके प्रदीप गिल, जो लंबे समय तक इंडियन नेशनल लोक दल (इनैलो) में युवा प्रदेशाध्यक्ष के रूप में सक्रिय रहे, आज अपनी मूल पार्टी में वापसी कर रहे हैं। यह "घर वापसी" रोहतक की नई अनाज मंडी में ताऊ देवीलाल की 112वीं जयंती समारोह के दौरान होगी। इस भव्य आयोजन में इनैलो प्रमुख अभय सिंह चौटाला के नेतृत्व में हजारों समर्थकों के जुटने की उम्मीद है।

प्रदीप गिल का सियासी सफर

प्रदीप गिल ने इनैलो में युवा प्रदेशाध्यक्ष के रूप में लंबे समय तक काम किया और किसान-केंद्रित मुद्दों को युवाओं तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाद में उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा और 2024 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में जींद सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ताल ठोकी। हालांकि, वे जीत हासिल नहीं कर सके, लेकिन स्थानीय स्तर पर उनकी सक्रियता ने उन्हें चर्चा में रखा। अब उनकी इनैलो में वापसी को पार्टी की रणनीति के तहत एक अहम कदम माना जा रहा है।

ताऊ देवीलाल जयंती: रोहतक में सियासी शक्ति प्रदर्शन

ताऊ देवीलाल, जिन्हें हरियाणा में किसानों का मसीहा और लोकप्रिय नेता के रूप में याद किया जाता है, की 112वीं जयंती (जन्म: 25 सितंबर 1914) के मौके पर रोहतक की नई अनाज मंडी में एक विशाल रैली का आयोजन हो रहा है। इस कार्यक्रम में इनैलो के शीर्ष नेता अभय सिंह चौटाला मुख्य रूप से मौजूद रहेंगे। सूत्रों के अनुसार, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, जिन्हें ताऊ देवीलाल ने अपने समय में राजनीति में आगे बढ़ाया था, भी इस आयोजन में शामिल हो सकते हैं। इस समारोह में ताऊ देवीलाल के प्रसिद्ध उद्धरण, जैसे "लोकराज लोकलाज से चलता है," पर जोर देकर इनैलो किसान-केंद्रित मुद्दों को फिर से मजबूती से उठाने की कोशिश करेगी। हाल ही में रोहतक से बलवान सिंह सुहाग (पूर्व जजपा उपाध्यक्ष) और उनके परिवार की इनैलो में वापसी के बाद प्रदीप गिल का यह कदम पार्टी के लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

इनैलो की रणनीति और भविष्य

प्रदीप गिल की वापसी से इनैलो को जींद और रोहतक जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी। हरियाणा में 2029 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों के मद्देनजर यह आयोजन एक सियासी शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। रोहतक, जो हमेशा से जाट और किसान वोट बैंक का गढ़ रहा है, में इनैलो का यह कदम कांग्रेस और बीजेपी के लिए चुनौती पेश कर सकता है।
 


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Content Writer

Isha

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