जींद विधानसभा में प्रदीप गिल के ताबड़तोड़ कार्यक्रम, घर-घर तक पहुंचा रहे कांग्रेस की नीतियां
punjabkesari.in Saturday, Aug 31, 2024 - 09:48 AM (IST)
जींद (अमनदीप पिलानिया) : जींद विधानसभा में कांग्रेस नेता प्रदीप गिल के ताबड़तोड़ चाय कार्यक्रम हुए। शुक्रवार को प्रदीप गिल जींद विधानसभा के गांव रायचंदवाला और जींद शहर की इंदिरा कॉलोनी में चाय कार्यक्रम में पहुँचे। चाय कार्यक्रम के दौरान गिल कांग्रेस पार्टी की नीतियां घर-घर तक पहुँचा रहे हैं।
इस दौरान प्रदीप गिल ने कहा कि चाय के कार्यक्रम के दौरान जहां रायचंदवाला में तीन से चार प्रोग्राम थे और 7:00 बजे का हमारा प्रोग्राम सतीश मेहता जी के घर में था। ये हमारे भाई हैं जिन्होंने यहां बुलाकर प्यार, मान-सम्मान देकर चाय का प्रोग्राम किया। चाय कार्यक्रम ने एक नुक्कड़ सभा का रूप ले गया। उन्होंने कहा कि इंदिरा कॉलोनी के जितने भी बुजुर्ग हैं, हमारे नौजवान साथी इन्होंने जो स्वागत किया और आश्वासन दिया कि आने वाले इलेक्शन में अपने भाई, अपने बेटे पर आशीर्वाद रूपी हाथ रखेंगे। बहुत सारी यहां की जो दिक्कत है, वह मेरे पास पहुंची थी और भी दिक्कत पहुंची थी कि यहां पानी की व्यवस्था में बहुत बड़ी दिक्कत है। मैं अभी बैठकर के भाइयों से इसके बारे में अच्छे से जानूंगा कि क्या है अगर कोई ऐसी दिक्कत है जो मैं ही अपने पास से पूरी कर सकता हूँ तो मैं आज भी ये वादा करके चला जाऊंगा जो कल या परसों में हम कर सकते हैं। अगर यहाँ कोई पाइपलाइन बिछने की ही बात होगी या कोई और बड़ी बात होगी तो जल्दी ही सरकार बनेगी। सरकार बनने के बाद हम इसे पहली जो है कलम से करने का काम करेंगे और ये कोई नेता का वादा नहीं हैं भाई और बेटे का वादा है।
पत्रकार का सवाल : आपने संबोधन में कहा कि अगर विधायक बनते हैं तो आपकी जो तनख्वा है, गरीब लड़कियों की शादी में देंगे।
गिल ने कहा : मैंने ये बात कई दिन पहले बोली थी और आज भी मैं दोबारा दोहरा देता हूँ। मेरे लिए राजनीति में पैसा प्राथमिकता नहीं है, लेकिन अगर भाई विधायक बना 100% अगर मैं विधानसभा गया। मैं जींद की जनता ने चुना तो एक वादा पहला कर रहा हूँ, जो अफिडेविट के तहत मैं दूंगा, जिस दिन हम फार्म भरेंगे कि मेरी जो भी तनख्वाह 5 साल तक आएगी उसका एक नया पैसा भी। प्रदीप गिल अपने घर में अपने परिवार में अपने किसी भी निजी काम में यूज़ नहीं करेगा। वह चाहे गरीब बेटियों की शादी हो, एजुकेशन हो, गरीब बूढ़ों की सेवा के लिए चाहे वो उनकी कोई संभाल नहीं हो रही है। उनकी कोई बड़ी बिमारी से वो जूझ रहे हैं। उनकी समस्याओं में लगाने की हो, चाहे गली मोहल्ले का कोई सामूहिक, कोई मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा हो या कोई जो चौपाल हो, कोई पुस्तकालय खोलने की बात हो, यह सारी चीजों में लगाएंगे। मेरी प्राथमिकता है कि वो 2,00,000 मिले या जो भी मिले मैंने उसको छूना तक नहीं है क्योंकि परमपिता परमात्मा ने भगवान ने मुझे ऑलरेडी सब कुछ दिया हुआ है, मैं उसमें संतुष्ट हूँ।
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