धरने पर बैठी प्रारंभ स्कूल की 130 छात्राएं, हॉस्टल वार्डन पर लगाए गंभीर आरोप

2/16/2018 1:46:40 PM

झज्जर(प्रवीन धनखड़): झज्जर के प्रारंभ स्कूल में हॉस्टल की वार्डन द्वारा छात्राओं को बंधक बनाने का मामला सामने आया है। वार्डन ने छात्राअों को देर रात करीब 2 घंटे बंधक बनाया। छात्राअों ने आरोप लगाया कि वे चिल्लाती रही लेकिन दो घंटे तक किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। इस दौरान कुछ छात्राअों की तबीयत बिगड़ गई जिसमें एक छात्रा को गंभीर हालात में मेडिकल भर्ती कराया गया। दो घंटे बाद देर रात पुलिस ने छात्राओं को बंद कमरे से बाहर निकलवाया। छात्राओं ने हॉस्टल स्टाफ के खिलाफ लिखित में शिकायत भी दी है। सुबह किसी तरह की काई कार्यवाही नहीं होती देख छात्राएं प्रारंभ स्कूल प्रांगण में धरने पर बैठ गई हैं। 

स्कूल में मीडिया की नो एंट्री
इस मामले को कवर करने के गए मीडियाकर्मियों को भी स्कूल के अंदर नहीं जाने दिया गया। स्कूल के सभी दरवाजे स्कूल प्रशासन की तरफ से बंद करा दिए गए। हैरानी की बात तो ये है कि छात्राओं को भी स्कूल से बाहर नहीं आने दिया गया। उन्हें स्कूल में भी बंधी की तरह रखा गया। 

छात्राअों से फोन मिलने पर लगया जाता है 2 हजार जुर्माना
छात्राओं का आरोप है कि करीब 130 छात्राओं को देर रात धोखे से हॉस्टल वार्डन द्वारा  कमरे में बंद कर दिया और पीछे से उनके रूम में रखे सामान की तलाशी लेनी शुरू कर दी। छात्राओं का आरोप है कि हॉस्टल वार्डन ने छात्राअों के पास फोन न रखने की हिदायत दे रखी है। जिस पर दो हजार का जुर्माना भी लगाया जाता है। दो हजार का जुर्माना बार-बार वसूलने और पैसों के लोभ में वार्डन हर बार ऐसा ही करती है। 

बीमार होने पर दी जाती है पुरानी व एक्सपायरी दवाईयां
छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें हॉस्टल में कैदियों की तरह रखा जाता है। उनके पहनावे पर हास्टल स्टाफ की तरफ से अभद्र टिप्पणी की जाता है। इतना ही नहीं उनको बीमारी के समय पुरानी व एक्सपायरी दवाईयां वितरीत की जाती है। छात्राओं की माने तो करीब 18 राज्यो की छात्राए प्रांरभ स्कूल में पढ़ती हैं लेकिन उनको सुविधा ना के बराबर दी जाती है। 

प्रारंभ स्कूल में पढ़ती हैं 18 राज्यों के छात्र-छात्राएं
झज्जर के प्रांरभ स्कूल में करीब 18 राज्यों से छात्र-छात्राएं अपना कोर्स करने आती हैं। 2013 में स्कूल का शुभारंभ हुआ था। इस स्कूल में बीकॉम के साथ बीएड और बीएसएसी के साथ बीएड शामिल है। 18 राज्यो की करीब 200 से ज्यादा छात्राएं यहां पढ़ती हैं।

हॉस्टल वार्डन के खिलाफ कार्रवाई की मांग
छात्राओं की मांग है कि हॉस्टल वार्डन के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। साथ ही उन्हें फोन रखने की अनुमति दी जाए ताकि वो दूर रहकर अपने घरवालों से भी बात कर सके। इस मामले में कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। वहीं पुलिस भी इस मामले से दूरी बनाए हुई है।