हिमाचल की राजनीति में ज्वालामुखी विस्फोट की तैयारी, सुखु को अल्पमत में ला पुनः चुनाव करवाने का हो सकता है खेल

3/2/2024 2:27:25 PM

 चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी):  हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सुखु सरकार को गिराने का केंद्रबिंदु पंचकूला(हरियाणा) बना हुआ है।सूत्रों का कहना है कि आने वाले समय मे जल्दी ही हिमाचल प्रदेश में राजनैतिक धमाका एक बार फिर से हो सकता है।सूत्रों का कहना है कि भजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनकी मुलाकात जल्दी हो सकती है।अगर सब कुछ फिट बैठता है तो भजपा में कुछ विधायकों सहित शामिल हो नया खेल शुरू कर सकते हैं।सूत्रों के अनुसार भजपा भी हिमाचल में सुखु सरकार को अल्पमत में ला कर पुनः विधानसभा चुनावों को करवाने का चक्रव्यूह रच सकती है।विक्रमादित्य अगर कांग्रेस छोड़ते हैं तो उनके साथ 2 विधायक और रह सकते हैं।

हिमाचल के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य का पंचकूला होटल में बागी विधायकों से मिलना व विक्रमादित्य के साथ हरियाणा के सी एम के पब्लिसिटी एडवाइजर तरुण भण्डारी की अधिकांश समय मौजूदगी कई संकेत करती है।भजपा का कोई भी नेता बिना भजपा आलाकमान की अनुमति के किसी अन्य दल के बड़े नेता से नही मिल सकता।ऐसे में विक्रमादित्य से हुई भण्डारी की मुलाकात कहीं न कही नए राजनैतिक सवाल खड़े कर रही है। हिमाचल प्रदेश सुखु सरकार भले ही ऊपर से मजबूत व स्थायित्व वाली सरकार दिखाने की कोशिश की जा रही हो।मगर ऊपरी शांति देख कर अंदरूनी रूप से बन रहे ज्वालामुखी का सहजता से अंदाजा लगाना मुश्किल है।हिमाचल के सी एम सुखु विक्रमादित्य की बागी विधायकों से चंडीगढ़ में मुलाकात के बारे कह रहे हैं कि विक्रमादित्य उन्हें बता कर गए हैं।ऐसी स्थिति में होटल में भजपा नेतायों की मौजूदगी कैसे थी।दूसरी तरफ विक्रमादित्य के साथ तरुण भण्डारी की चंडीगढ़ में मौजूदगी से यह तो स्पष्ट संकेत है कि हिमाचल की राजनीति में कुछ नया होने की तैयारी है।
 
विक्रमादित्य शनिवार व दो तीन दिल्ली में रहने वाले है।आधिकारिक रूप से भले ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से उनकी मुलाकात है।दूसरी तरफ शनिवार व रविवार विक्रमादित्य की मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह या भजपा रास्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा से भी हो सकती है।सूत्रों का कहना है कि हिमाचल के कई भजपा विधायक भी दिल्ली में हैं। हिमाचल प्रदेश में हुए राज्यसभा चुनाव को लेकर प्रदेश कांग्रेस सरकार  पर छाए संकट के बादल अभी भी छटते नजर नहीं आ रहे हैं! मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खु की कुर्सी सहित समूची हिमाचल कांग्रेस हिचकोले खा रही है! भले ही कांग्रेस आला कमान ओर से भेजे गए ऑब्जर्वर सब कुछ  डैमेज कंट्रोल  की बात कह रहे हों।

विक्रमादित्य सिंह कांग्रेस के बाकी 6 विधायकों से पंचकूला के  निजी होटल में मिले !जिसका अहम पहलू यह रहा है कि इसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सबसे विश्वसनीय रणनीतिकारों में से एक तरुण भंडारी एक बार फिर से देखे जा रहे हैं! फिलहाल यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा है कि वे भाजपा ज्वाइन करेंगे या नहीं! जबकि  भाजपा के भीतर इस मामले को लेकर पूरी तरह से गंभीरता पूर्वक  मंथन चल रहा है! बता दें कि हाल ही में हिमाचल  में राज्यसभा की एक सीट के लिए चुनाव हुआ था !जिसमें की कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी जबकि  भारतीय जनता पार्टी की ओर से पूर्व कांग्रेसी व वीरभद्र सिंह के नजदीक की हर्ष महाजन को उम्मीदवार बनाया गया था! इस दौरान कांग्रेस से नाराज  हुए 6  विधायकों ने भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में वोट किया था! इसके बाद दोनों पक्ष के वोट बराबर हो गए लेकिन  सिस्टम में हर्ष महाजन की जीत हुई !इसके बाद से ही कांग्रेस में खेल शुरू हो गया सभी बागी 6 विधायक पंचकूला के एक निजी होटल में आकर ठहर गए थे !जहां पर उन्हें हेलीकॉप्टर से लाने और ले जाने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री हरियाणा के पब्लिसिटी एडवाइजर तरुण भंडारी की रही। विधानसभा अध्यक्ष हिमाचल ने कांग्रेस के जिन 6 विधायकों की सदस्यता निलंबित की है वह जिन विधानसभा क्षेत्रों से आते हैं वहां अतीत में भजपा का खासा प्रभाव नही रहा है।सुखु सरकार द्वारा इन विधायकों के परिवारों पर दवाब बनाने का भी जो जिक्र आ रहा है।उससे विधायकों के अंदर बेचैनी बताई जा रही है।

 

Content Writer

Isha