प्रधानमंत्री मोदी देश के किसानों से कर रहे विश्वासघात: सुरजेवाला

10/4/2018 12:02:43 PM

सिरसा(अरोड़ा): कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार किसान विरोधी होने का प्रमाण तो पिछले लगभग सवा 4 वर्षों से दे ही रही है, इस सरकार ने गांधी जयंती के मौके पर किसानों पर बर्बरता पूर्ण लाठियां बरसाकर जय जवान, जय किसान के नारे को लूट किसान-पीट किसान बनाकर रख दिया है। 

एक वक्तव्य में सुर्जेवाला ने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि आजाद भारत में यदि किसानों के साथ न्याय नहीं हुआ तो देश के किसान ऐसी गड़बड़ी मचा देंगे कि एक बलशाली हकूमत की फौजी ताकत भी उसे रोक नहीं सकेगी। उन्होंने कहा कि कल किसानों पर चलाए गए मोदी सरकार के दमनचक्र से यह प्रतीत होता है कि गांधी व शास्त्री जयंती पर किसानों को गहरे जख्म देने वाली मोदी सरकार के बारे में ही शायद गांधी जी ने यह कहा होगा।
 

उन्होंने कहा कि देश के भोले किसानों को कोरे आश्वासनों का राजनीतिक लालीपॉप देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के साथ विश्वासघात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कल गांधी जयंती पर देश के किसान अपनी जायज मांगों की आवाज उठाने पर दिल्ली में पुलिस से पिट रहे थे तो वहीं हरियाणा के भिवानी के किसान रणबीर सिंह जेल की सलाखों के पीछे मात्र 9 लाख का कर्जा न चुका पाने की वजह से दम तोड़ गया। 
 

सुर्जेवाला ने कहा कि कहा कि किसान का सीना छलनी करती गोलियां व शरीर पर घाव देती लाठियां आज पूरे देश में मोदी सरकार के जुल्मों की निशानी बन गई हैं, चाहे वो मंदसौर मध्यप्रदेश में आधा दर्जन किसानों को पुलिस फायरिंग में मौत के घाट उतारना हो, दाहोद गुजरात में बेकसूर किसान को पुलिस की गोलियों से भूनना हो, चोमू व श्रीगंगानगर राजस्थान में किसानों पर गोलियां चलाना हो या औरंगाबाद महाराष्ट्र में निहत्थे गन्ना किसानों पर गोलियां चलाना हो। 

सुर्जेवाला ने कहा कि कल किसानों पर लाठियां, अश्रु गैस, वॉटर कैनन चला रही मोदी व योगी सरकारों ने आनन-फानन में रातों-रात एक बार फिर किसानों को झूठे वादों की टोकरी पकड़ा दी, ताकि आंदोलन खत्म हो जाए, पर सवाल यह है कि राजनीतिक लॉलीपॉप व वादों के विश्वासघात के सहारे भाजपाई सरकारें कब तक भोले किसानों को छलती रहेंगी। सवाल यह भी है कि मोदी सरकार ने किसान की खेती पर गब्बर सिंह टैक्स (जी.एस.टी.) क्यों लगाया। क्यों किसान खाद पर 5 प्रतिशत जी.एस.टी. ट्रैक्टर खेती उपकरणों पर 12 प्रतिशत जी.एस.टी. कीटनाशक दवाईयों पर 18 प्रतिशत जी.एस.टी. ट्रैक्टर टायरों व ट्रांसमिशन पर 18 प्रतिशत जी.एस.टी. देने को मजबूर है। डीजल की अनाप-शनाप कीमतें बढ़ा किसान की कमर क्यों तोड़ डाली।

Deepak Paul